नई दिल्ली। अपना मकान खरीदना सभी का सपना होता है। अधिकांश लोग कैश ना खरीदकर मकान को लोन पर ही लेना पसंद करते हैं। इसका खुलासा एस्पिरेशन इंडेक्स सर्वे में हुआ है। ब्याज दरों में वृद्धि के इस दौर में आमतौर पर लोग मकान खरीदने के लिए होम लोन ले रहे हैं।
इस पर उन्हें EMI (मासिक किस्त) के साथ भारी-भरकम ब्याज चुकाना पड़ता है। हालांकि, अगर चाहें तो ‘स्प्रेड दर’ के जरिये अपने होम लोन की ईएमआई घटा सकते हैं। दरअसल, खुदरा कर्ज (होम लोन भी इसी दायरे में आता है) के दो महत्वपूर्ण हिस्से होते हैं। बेंचमार्क दर और स्प्रेड दर।
ये है ईएमआई बचत का गणित
आपने न्यूनतम 1.90 फीसदी स्पेड दर पर होम लोन लिया है। अब रेपो दर में गिरावट आती है और आपके होम लोन की दर 4 फीसदी पर आ जाती है। ऐसे में आपके होम लोन पर ब्याज की दर 5.90% होगी। किसी दूसरे व्यक्ति ने 2.65 फीसदी स्प्रेड दर से होम लोन लिया है तो पूरी कर्ज अवधि के लिए उसकी अनुमानित ब्याज दर 6.65% हो जाएगी।
पूरी कर्ज अवधि के दौरान स्थिर रहती है स्प्रेड दर
बेंचमार्क वह कम-से-कम दर होती है, जिस पर कर्ज मिलता है। यह दर कर्जदाताओं की नीतियों, महंगाई दर और रेपो दर में बदलावों के आधार पर तय होती है। इसलिए, रेपो दर में वृद्धि पर होम लोन की ईएमआई बढ़ जाती है। वहीं, स्प्रेड दर की गणना उधारकर्ता के क्रेडिट स्कोर, आय के स्रोत और कर्ज के आकार जैसे पैमानों के आधार पर की जाती है। यह विभिन्न उधारकर्ताओं के लिए अलग-अलग होता है।