भारत में पिछले दिनों जिस तरह पीली धातु यानि सोने के दाम जिस तरह गिर रहे हैं , लगता है कि सोने के प्रति लोगों की दीवानगी थोड़ी काम होती जा रही है या फिर ये भी कह सकते हैं कि सोना आम आदमी की पहुँच से निकलता जा रहा है यही वजह कि अप्रैल-जून तिमाही में भारत में सोने की मांग में पांच फीसदी की गिरावट आयी है और ये घटकर 149.7 टन रह गई।
World Gold Council की ‘2nd Quarter 2024 Gold Demand Trends’ रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में इसी तिमाही में सोने की मांग 158.1 टन थी, जो 2024 में 149.7 टन पर रही। हालांकि, मूल्य के लिहाज से दूसरी तिमाही में सोने की मांग 17 फीसदी बढ़कर 93,850 करोड़ रुपये हो गई, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 82,530 करोड़ रुपये थी। अप्रैल-जून तिमाही में कीमतों में जबरदस्त उछाल आया और 24 कैरेट सोने की कीमत 74,000 रुपये प्रति 10 ग्राम को पार कर गई।
WGC ने कहा कि रुपये के संदर्भ में, तिमाही में औसत कीमत 62,700.5 रुपये रही, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह 52,191.6 रुपये (इम्पोर्ट ड्यूटी और GST को छोड़कर) थी। WGC के CEO सचिन जैन ने कहा, “भारत की सोने की मांग 2024 की दूसरी तिमाही में घटकर 149.7 टन रह गई, जो पिछले साल की तुलना में पांच फीसदी कम है। इसका कारण सोने की रिकॉर्ड ऊंची कीमतें हो सकती हैं, जो सामर्थ्य को प्रभावित कर रही हैं और उपभोक्ता खरीद को धीमा कर रही हैं।