नई दिल्ली। आजकल अधिकांश लोग नींद की समस्या से परेशान हैं। ऐसे में नींद पूरी करने के लिए लोग नींद की गोलियों का सहारा लेते हैं। अगर नींद की गोलियां खाते हैं तो इससे होने वाले नुकसानों के बारे में जरूर जानें।
बदलती जीवन शैली की वजह से लोगों की सेहत प्रभावित हो रही है। इसके कारण लोग कई तरह की समस्याओं के शिकार हो रहे हैं। बिगड़ती लाइफस्टाइल और काम का बोझ लोगों की नींद पर असर डाल रहा है। लोगों में इन दिनों अनिंद्रा की समस्या बढ़ रही है। ऐसे में समस्या से निजात पाने के लिए लोग नींद की गोली का इस्तेमाल कर रहे हैं।
सेहत पर पड़ता है नकारात्मक प्रभाव
रात में नींद पूरी करने के लिए रोजाना नींद की दवाई खाते हैं। लेकिन क्या जानते हैं कि नियमित रूप से नींद की गोली खाने से सेहत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। अगर उन लोगों में शामिल हैं, जो नींद पूरी करने के लिए रोजाना नींद की गोली खाते हैं, तो सावधान हो जाइए क्योंकि लगातार नींद की गोली का सेवन सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है।
कोमा में जाने का खतरा
अगर रोजाना एक से ज्यादा नींद की गोलियां खा रहे हैं, तो इससे कोमा में जा सकते हैं। दरअसल, लगातार ज्यादा गोली खाने से कोमा में जाने का खतरा काफी बढ़ जाता है।
याद्दाश्त कमजोर
लंबे समय तक नींद की गोली खाने से न सिर्फ शारीरिक, बल्कि मानसिक रूप से कई तरह की नुकसान होते हैं। दरअसल, रोजाना नींद की गोली खाने से आपके दिमाग पर नकारात्मक असर पड़ता है, जिसकी वजह से आपकी याद्दाश्त कमजोर होने सकती है।
खून थक्के बनना
लगातार नींद की गोली के सेवन से नर्वस सिस्टम पर भी असर होता है। अगर नियमित रूप से स्लीपिंग पिल्स खा रहे हैं, तो इसकी वजह से नर्वस सिस्टम को कमजोर हो सकता है, जिससे नर्वस सिस्टम संबंधी बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। इतना ही नहीं इसकी वजह से ब्लड वेसल्स (रक्त नलिकाओं) में खून के थक्के भी बन जाते हैं।
सांस की समस्या
नींद की गोली का सेवन उन लोगों के लिए काफी हानिकारक है, जिन्हें सोत समय खर्राटे लेने की आदत है। दरअसल, अगर आप नींद की गोली खाते हैं, तो इससे खर्राटों के बीच कभी-कभी सांस रुक जाती है, जो आपके लिए जानलेवा हो सकती है।
दिल को भी खतरा
नींद की गोली के लगातार सेवन की वजह से दिल के दौरे का खतरा भी काफी बढ़ जाता है। नींद की गोली में मौजूद जोपिडेम नामक तत्व दिल की बीमारियों की वजह बन सकता है। साथ ही इन दवाइयों की वजह से दिल के कार्य करने की क्षमता भी प्रभावित होती है।