ज्ञानवापी मस्जिद के सर्वे की 839 पन्नों की रिपोर्ट हिंदू और मुसलमान दोनों पक्षों को मिल गई है। इस सर्वे की रिपोर्ट पढ़ने के बाद हिंदू पक्ष का दावा है कि ज्ञानवापी मस्जिद की जगह पहले मंदिर हुआ करता था। हिंदू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन के मुताबिक सर्वे टीम को ज्ञानवापी परिसर में हिंदू मंदिर के 32 चिह्न मिले हैं और 34 ऐसी वस्तुएं मिली हैं जिनका सम्बन्ध मंदिर से है। सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक मस्जिद परिसर के कॉरिडोर में चौड़ा कुंआ और बहुत बड़ा चैंबर मिला है जिससे जुड़े हुए तीन और चैंबर मिले हैं। हिन्दू पक्ष के मुताबिक सर्वे रिपोर्ट बताती है कि यहां पहले एक भव्य हिंदू मंदिर हुआ करता था।
जैन ने कहा कि ज्ञानवापी मस्जिद में एक जगह पर महा मुक्ति मंडप लिखा हुआ है। सर्वे की रिपोर्ट में मंदिर के जो 34 चिह्न मिले हैं वह असल में एक हिंदू मंदिर के शिलालेख हैं। इन शिलालेखों में देवनागरी, ग्रंथ, तेलुगु और कन्नड़ लिपियां हैं और जनार्दन, रुद्र और उमेश्वर जैसे देवताओं के नाम मिले हैं। इससे ये पता चलता है कि पहले ही संरचनाओं को मिटाया गया था और इनका इस्तेमाल दोबारा निर्माण करने में हुआ।
हिन्दू पक्ष ने बताया कि एएसआई ने कहा है कि मस्जिद के विस्तार और निर्माण के लिए मौजूदा ढांचे में इस्तेमाल हुए खंभों और प्लास्टर का व्यवस्थित और वैज्ञानिक तरीके से अध्ययन किया गया था। स्तंभों और प्लास्टर सहित पहले से मौजूद मंदिरों के कुछ हिस्सों को थोड़े से बदलाव के साथ फिर से इस्तेमाल किया गया। इनका बारीकी से अध्ययन किए जाने पर पता चलता है कि वे मूल रूप से एक हिंदू मंदिर का हिस्सा थे। बता दें कि 18 दिसम्बर को ASI ने कई बार समय लेने के बाद सर्वे रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल की थी जिसके बाद हिन्दू पक्ष की तरफ से दोनों पक्षों को रिपोर्ट की प्रतिलिपि सौंपे जाने की मांग की थी जिसपर कोर्ट ने निर्देश जारी किया था कि दोनों पक्षों को सर्वे रिपोर्ट की कॉपी 24 जनवरी तक दे दी जाय.