गुजरात विधानसभा चुनाव के दूसरे चरण का मतदान ख़त्म होते न्यूज़ चैनलों द्वारा एग्जिट पोल्स आ चुके हैं और इन एग्जिट पोल्स के अनुमानों के मुताबिक गुजरात में भाजपा एक बार फिर भारी बहुमत के साथ सरकार बनाती दिख रही वहीँ हिमाचल प्रदेश में भाजपा को आगे दिखाया जा रहा है लेकिन यहाँ पर कांग्रेस भाजपा से ज़्यादा पीछे नहीं है. दोनों ही प्रदेशों में जीत का सबसे ज़्यादा दावा करने वाली आम आदमी पार्टी की हालत काफी खस्ता है और सिर्फ वोट कटुवा पार्टी के रूप में ही नज़र आ रही है, हालाँकि कुछ सर्वे गुजरात में उसे 5 से 10 सीटें दे रहे हैं.
AAP की स्थिति दयनीय
जहाँ तक गुजरात की बात है तो पिछले चुनाव में 99 सीटें जीतने वाली सत्तारूढ़ भाजपा अपनी सीटों की संख्या बढ़ाते हुए दिख रही है. अगर कई ओपिनियन पोल्स का एवरेज निकालें तो भाजपा को लगभग 130 सीटें मिलने की बात हो रही है वहीँ पिछली बार 77 सीटें जीतने वाली कांग्रेस पार्टी को बड़ा घाटा होता दिखाई दे रहा है, उसे इन पोल्स में 50 के आसपास सीटें मिलने का प्रोजेक्शन किया जा रहा है. सबसे दयनीय स्थिति तो आम आदमी पार्टी की दिख रही है जिसे कोई भी चैनल 10 से ज़्यादा सीटें नहीं दे रहा है, औसत की बात करें तो उसे 6 सीटें ही मिल रही हैं.
केजरीवाल के दावे धरे रह गए
बता दें कि गुजरात में आम आदमी पार्टी ने सबसे ज़्यादा मेहनत की थी, अरविन्द केजरीवाल समेत पार्टी के सभी बड़े नेताओं ने दिन रात एक कर दिया था. चुनाव में उसने दावों और गारंटियों की झड़ी लगा दी थी. अरविन्द केजरीवाल ने हर वो दांव चला था जो चुनाव जीतने के लिए चला जा सकता था. जिस तरह से अरविन्द केजरीवाल और उनकी पार्टी के नेता गुजरात में भाजपा को सत्ता से उखाड़ फेंकने और कांग्रेस के ख़त्म होने की बातें कर रहे थे उससे लग रहा था कि आम आदमी पार्टी वाकई में कुछ करने जा रही है लेकिन एग्जिट पोल्स के अनुमानों में ऐसा कुछ भी नज़र नहीं आया. अब आठ दिसंबर को नतीजों के बाद पता चलेगा कि आम आदमी पार्टी गुजरात में कहाँ खड़ी है और उसने कांग्रेस को कितना नुक्सान पहुँचाया है, क्योंकि उसका असली उद्देश्य तो गुजरात में कांग्रेस का विकल्प बनने का ही है.