DPIIT: तांबे धातु के इस्तेमाल से होने वाली वस्तुओं में अब मिलावट भारी पड़ेगी। तांबे से बनी वस्तुओं के ििलए सरकार ने गुणवत्ता मानदंड लागू किए हैं। इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी गई है। निर्देशों के मुताबिक तांबे तथा इसकी मिश्र धातुओं का उपयोग बिजली उत्पादन, बिजली पारेषण, दूरसंचार, विद्युत सर्किट और कई उपकरणों में होता है। इसलिए तांबे के उत्पादों को सर्वोत्तम गुणवत्ता का होना जरूरी है। किसी कीमत पर शुद्धता से समझौता नहीं किया जाना चाहिए।
उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग ने दो अधिसूचनाएं जारी किए
सरकार ने तांबे के घटिया वस्तुओं के आयात पर अंकुश लगाने और घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए तांबा उत्पादों ड्रम और टिन कंटेनर के लिए अनिवार्य गुणवत्ता मानदंड लागू किए हैं। उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआईआईटी) ने दो अधिसूचनाएं ड्रम व टिन (गुणवत्ता नियंत्रण) आदेश 2023, और तांबा उत्पाद (गुणवत्ता नियंत्रण) आदेश 2023 जारी किए हैं।
दोनों आदेशों के तहत वस्तुओं का उत्पादन, व्यापार, बिक्री, आयात और भंडारण तब तक नहीं किया जा सकता जब तक कि उन पर भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) का चिह्न नहीं हो। डीपीआईआईटी ने कहा कि ये आदेश अधिसूचना के प्रकाशन की तारीख से छह महीने के भीतर लागू होगा।
आदेश के अंतर्गत तांबे के उत्पादों में विद्युत की तार छड़ें भी शामिल
तांबे तथा इसकी मिश्र धातुओं का उपयोग बिजली उत्पादन, बिजली पारेषण, दूरसंचार, विद्युत सर्किट और कई उपकरणों में किया जाता है। इस कारण तांबा उत्पादों को सर्वोत्तम गुणवत्ता का होना चाहिए। इसमें किसी कीमत पर शुद्धता से समझौता नहीं किया जाना चाहिए।
इस आदेश के अंतर्गत तांबे के नौ उत्पादों में विद्युत अनुप्रयोगों के लिए उपयोग की जाने वाली तार की छड़ें भी शामिल हैं। कंडेनसर व हीट एक्सचेंजर्स के लिए ठोस तांबे और तांबे की ट्यूब, फ्रीज तथा एयर कंडीशनिंग के लिए उपयोग होने वाली तांबे की ट्यूब भी इसके तहत आती हैं।
इसी तरह ड्रम और टिन का उपयोग मूल रूप से कई प्रकार के जहरीले, ज्वलनशील तथा खतरनाक पदार्थों के भंडारण और परिवहन के लिए होता है। अपशिष्ट प्रबंधन, स्वास्थ्य देखभाल और खाद्य सेवाओं सहित उद्योगों में इनका अधिक उपयोग होता है। विभाग ने कहा कि यह जरूरी है कि किसी प्रकार के रिसाव, मिलावट तथा आग से होने वाले नुकसान से बचाने के लिए ड्रम और टिन गुणवत्ता अच्छी प्रकार की होनी चाहिए।
प्रावधान उल्लंघन करने पर पहली बार दो साल की कैद या दो लाख रुपए जुर्माना
बीआईएस अधिनियम के प्रावधान का उल्लंघन करने पर पहली बार अपराध करने पर दो साल की कैद या कम से कम दो लाख रुपए जुर्माना हो सकता है। दूसरी बार और उसके बाद के अपराधों पर जुर्माना बढ़कर कम से कम पांच लाख रुपए हो जाएगा। इसी के साथ माल या वस्तुओं के मूल्य के 10 गुना तक बढ़ जाएगा। उपयोगकर्ताओं और निर्माताओं के बीच गुणवत्ता संवेदनशीलता विकसित करने के लिए विभाग द्वारा क्यूसीओ विकास सहित विभिन्न पहल की जाएगी।