विदेशों से लैपटॉप, टैबलेट के आयात पर प्रतिबंध लगाने को लेकर सरकार ने कहा है कि आयात के आंकड़ों का आकलन करने के बाद ही इस पर सितंबर में निर्णय लेगी। बता दें कि सरकार भारत ने पिछले साल अक्टूबर में एक आयात प्रबंधन प्रणाली लागू की थी जिसके तहत इन उत्पादों के आयातकों को सरकार से मंजूरी लेनी होगी। इस प्रणाली का मकसद बाजार की सप्लाई को नुकसान पहुंचाए बिना देश में लैपटॉप, टैबलेट और कंप्यूटर के आयात की निगरानी करना है।
इस राहत से आयातकों को अधिकृत मंजूरियां 30 सितंबर 2024 तक वैध होंगी। ये मंजूरियां उन्हें अगले साल सितंबर तक आयात के लिए किसी भी संख्या में खेप के लिए जारी की जाएंगी। सितंबर 2024 के बाद आयात के जो भी आंकड़े आएंगे आगे के कदम उसी के आधार पर उठाये जायेंगे। सरकार ने एक नवंबर, 2023 को एप्पल, डेल और लेनोवो सहित कुल 111 आवेदनों में से 110 को मंजूरी दी है जिन्होंने नई प्रणाली के कार्यान्वयन के पहले दिन लगभग 10 अरब डॉलर के इन आईटी हार्डवेयर उत्पादों के आयात की अनुमति मांगी थी।
सरकार के एक अधिकारी ने कहा कि सरकार पहले ही सालाना आयात से अधिक आयात की अनुमति दे चुकी है। तो अब इनपर निर्णय लेने से पहले इस पर गौर करना होगा कि कौन सी कम्पनियाँ है। भारत इन वस्तुओं के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा दे रहा है और बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के लिए उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना शुरू करने जैसे कई कदम उठाए गए हैं। सरकार ने लैपटॉप, कंप्यूटर और अन्य आईटी हार्डवेयर उत्पादों के आयात के लिए जिन कमापनियों को मंज़ूरी दी है उनमें डेल इंटरनेशनल सर्विसेज इंडिया, एपीएल इंडिया, एचपी इंडिया सेल्स प्राइवेट लिमिटेड, लेनोवो (इंडिया), आसुस इंडिया, आईबीएम इंडिया, सैमसंग इंडिया इलेक्ट्रॉनिक्स, शाओमी टेक्नोलॉजी इंडिया, सिस्को कॉमर्स इंडिया, सीमेंस लिमिटेड और बॉश लिमिटेड शामिल हैं।