मेलबोर्न में हार और WTC फाइनल में पहुँचने की संभावनाएं क्षीण होने के बात टीम इंडिया के अंदर खाने से निकलकर बहुत सी बातें सामने आ रही हैं जिनमें सबसे बड़ी बात यह है कि टीम इंडिया के मुख्य कोच गौतम गंभीर को अपने सीनियर खिलाडियों की कामयाबी पर संशय था और इसलिए वो चेतेश्वर पुजारा को ऑस्ट्रेलिया दौरे पर ले जाना चाहते थे, गंभीर ने इसके लिए चयनसमिति से कई बार बात की लेकिन अजीत अगरकर की अगुआई वाली चयन समिति ने उनके अनुरोध को नजरअंदाज कर दिया।
एक अंग्रेज़ी अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक गंभीर तो पर्थ टेस्ट जीतने के बाद भी पुजारा की मांग कर रहे थे. इस रिपोर्ट में एक खुलासा और हुआ है, रिपोर्ट में कहा गया है कि गंभीर अपनी टीम के एप्रोच से बेहद नाराज थे खासकर मेलबर्न में बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के चौथे टेस्ट के पांचवें दिन टीम की हार के बाद.
गंभीर पुजारा की मांग उनके ऑस्ट्रेलियाई पिचों पर किये गए कमाल की वजह से कर रहे थे, पुजारा ने ऑस्ट्रेलिया में भारत की पिछली दो सीरीज़ जीत में अहम भूमिका निभाई थी मगर 2023 में विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फ़ाइनल के बाद से उन्हें किनारे कर दिया गया. ऑस्ट्रेलिया दौरे पर स्पष्ट रूप से देखा जा रहा है कि टीम के सीनियर बल्लेबाज़ बुरी तरह नाकाम हैं, विशेषकर रोहित और विराट। रिपोर्ट में बताया गया है कि टीम इंडिया में जब पुजारा का नाम नहीं आया तो सबसे राहत की सांस ऑस्ट्रेलिया के जोश हेज़लवुड ने ली. उन्हें मालूम था कि पुजारा ऑस्टरटेलियन गेंदबाज़ों के लिए बड़ा सिरदर्द बन सकते थे. पुजारा इस समय बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में एक कमेंटेटर के रूप नज़र आ रहे हैं. रोहित शर्मा ने अश्विन के रिटायरमेंट पर प्रेस कांफ्रेंस में उन कई खिलाडियों का नाम लिया था जो अब टीम में नहीं हैं, हालाँकि बाद में उन्हें अपनी गलती का एहसास हुआ और उन्होंने कहा कि पुजारा और अजिंक्य ने अभी रिटायरमेंट नहीं लिया है इसलिए टीम इंडिया में वापसी के उनके पास पूरे मौके हैं, उस समय कमेंट्री बॉक्स में रोहित की इस बात पर पुजारा मुस्करा रहे थे.