मुंबई की पीएमएलए कोर्ट ने मेहुल चोकसी धोखाधड़ी मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जब्त की गई 2565.90 करोड़ रुपये की संपत्तियों को बेचने की अनुमति दे दी है। इस खबर के बाद PNB के शेयरों में अंतिम घंटों में करीब 2% की तेजी आई।
बता दें कि ईडी ने पीएनबी और आईसीआईसीआई बैंक के साथ मिलकर 125 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति को उनके असली मालिकों और पीड़ितों को लौटाने की मांग करते हुए एक आवेदन दायर किया था।
प्रवर्तन निदेशालय ने 10 दिसंबर को अपने सोशल मीडिया हैंडल एक्स पर पोस्ट किया विशेष अदालत ने पीएनबी धोखाधड़ी मामले में ईडी मुंबई द्वारा जब्त की गई भगोड़े मेहुल चौकसी कि 2565.90 करोड़ रुपये की “संपत्तियों के मुद्रीकरण” की अनुमति दी।”
चोकसी और उसके भतीजे नीरव मोदी का नाम पंजाब नेशनल बैंक में 14,000 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी में आया है और उन पर धोखाधड़ी, भ्रष्टाचार और मनी लॉन्ड्रिंग समेत अन्य अपराधों के आरोप हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की चार्जशीट में चोकसी को एक ऐसे व्यक्ति के रूप में नामित किया गया है जो भारत, दुबई और अमेरिका में ग्राहकों और उधारदाताओं को धोखा देने के लिए एक संगठित रैकेट चलाता था।
2017 में, चोकसी ने एक निवेश कार्यक्रम के माध्यम से एंटीगुआ और बारबुडा की नागरिकता हासिल की थी और तब से वह गिरफ्तारी या प्रत्यर्पण से बच रहा है। 2018 में, पीएमएलए कोर्ट ने पंजाब नेशनल बैंक के कर्मचारियों के साथ मिलकर एक बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी करने के लिए चोकसी और अन्य आरोपियों के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया था।
चोकसी परिवार ने 60 के दशक के मध्य में रत्न व्यवसाय शुरू किया था, लेकिन मेहुल चोकसी ने व्यवसाय को कॉर्पोरेट रूप दिया। चोकसी ने भारत के असंगठित हीरा और आभूषण उद्योग में समूह के विभिन्न सफल आभूषण ब्रांडों को लॉन्च करने और स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। अपनी 2016-17 की वार्षिक रिपोर्ट में समूह ने खुद को दुनिया का सबसे बड़ा एकीकृत ब्रांडेड आभूषण निर्माता-खुदरा विक्रेता बताया है, जिसका वार्षिक कारोबार 2.5 अरब डॉलर है ।