कराची। आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार मात्र 18 दिन का बचा है। डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपया बुरी तरह से गिर रहा है। इसके बाद से पेट्रोलियम उद्योग संकट में आया है। पाकिस्तान की तेल कंपनियों ने चेतावनी दी है कि देश में डॉलर की कमी और रुपए में गिरावट से पेट्रोलियम उद्योग खत्म होने के कगार पर पहुंच गया है।
सरकार ने डॉलर पर लगी सीमा हटाई
पाकिस्तान की मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की मांग पूरी करने के लिए सरकार ने डॉलर पर लगी सीमा हटा दी। इससे पाकिस्तानी रुपया अंतरराष्ट्रीय बाजार में 276.58 रुपए प्रति डॉलर पर पहुंच गया है। IMF ने राहत पैकेज बहाल करने के लिए शर्तें लागू की हैं। जिनमें स्थानीय मुद्रा के लिए बाजार-निर्धारित दर और ईंधन सब्सिडी को सरल करना शामिल हैं।
तेल उद्योग बुरी तरह से पिटा
पाक सरकार दोनों शर्तें पहले मान चुकी है। तेल कंपनी सलाहकार परिषद (OCAC) के मुताबिक तेल-गैस नियामक प्राधिकरण(OGRA) और ऊर्जा मंत्रालय को भेजे पत्र में कहा है कि रुपए की विनिमय दर में गिरावट के चलते उद्योग को अरबों रुपये का घाटा हो चुका है। इससे तेल उद्योग बुरी तरह पिट जाएगा।
आईएमएफ की शर्त मानने को मजबूर
पाकिस्तान में प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ सरकार ने विदेशी पूंजी भंडार घटने के कारण साख पत्र पर प्रतिबंध लगाए हैं। विदेशी पूंजी भंडार 27 जनवरी के अनुसार 308.62 करोड़ डॉलर रह गया था, जो सिर्फ 18 दिन के आयात के लिए है। ऐसे में देश के हालात बहुत खराब स्थिति में पहुंच गए हैं। अब उसके पास आईएमएफ की शर्त को मानने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है।