फीफा फुटबॉल वर्ल्ड कप के प्री-क्वार्टर फाइनल में कल रात एक बड़ा उलटफेर हुआ। वर्ल्ड रैंकिंग की 22वें नंबर की टीम मोरक्को ने 7 वें नंबर और 2010 किए चैम्पियन टीम स्पेन को हराकर इतिहास में पहली बार फीफा विश्व कप के क्वार्टर फाइनल के लिए क्वालीफाई किया। दोहा के एजुकेशन सिटी स्टेडियम में खेले गए इवेंट के सातवें प्री-क्वार्टर फाइनल में मोरक्को ने पेनल्टी शूटआउट में स्पेन को हरा दिया। मोरक्को ने पेनल्टी किक पर स्पेन को0-3 से हराकर टूर्नामेंट से बाहर कर दिया और क्वार्टर फाइनल में अपनी जगह पक्की कर ली।
यासीन बोनो के दम पर जीता मोरक्को
मोरक्को के गोलकीपर यासीन बोनो ने जीत में अहम भूमिका निभाई जिन्होंने शानदार प्रदर्शन करते हुए स्पेन की 3 पेनल्टी किक बचाईं। वहीँ दूसरी ओर मोरक्को की टीम 4 पेनल्टी किक में से 3 पर स्कोर करने में सफल रही। पेनल्टी शूटआउट में मोरक्को की तरफ से अब्देलहमिद सबिरी, हकीम जिएच और अशरफ हकीमी ने स्कोर किए. सिर्फ बी. बेनाउन गोल करने में नाकाम रहे. वहीं स्पेन के लिए पाब्लो सराबिया, कार्लोस सोलर और सर्जियो बुस्केट्स की स्पॉट किक्स पर मोरक्को के गोलकीपर को छका न सके. इससे पहले, दोनों टीमें निर्धारित 90 मिनट और खेल के 2 अतिरिक्त हिस्सों में गोल करने में विफल रहीं।
कौशल पर भारी पड़ी आक्रामकता
पहले हाफ में दोनों टीमों ही टीमें काफी रोमांचक फ़ुटबाल खेलती नज़र आयी. मोरक्को ने पहले हाफ में तीन बार विपक्षी गोल पर निशान साधा लेकिन बदकिस्मती से तीनों ही प्रयास विफल रहा.वहीं स्पेन की तरफस से सिर्फ एक प्रयास किया जो निशाने पर नहीं रहा. हालांकि बॉल को कब्ज़े में रखने के मामले में स्पेनिश टीम मोरक्को से आगे रही लेकिन अटैक करने के मामले में 3 करोड़ 67 लाख की आबादी वाले मोरक्को की टीम भारी पड़ी.