मेरठ। यूपी विधानसभा में मजबूती के साथ बनकर उभरा विपक्षी गठबंधन अब और मजबूत होने की तैयारी में है। इसके लिए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव गठबंधन के अन्य घटक दल प्रयास कर रहे हैं। इसी कड़ी में गठबंधन की ओर देश और प्रदेश के प्रत्येक सदन में गठबंधन की ओर से ऐसे मजबूत नेता को भेजने की तैयारी की जा रही है जो कि विपक्ष का मजबूत चेहरा हो और सरकार के लिए विपक्ष की ओर से मजबूत चुनौती खड़ी कर सके। आगामी जून और जुलाई में राज्यसभा की कुछ सीटें खाली होने वाली हैं। इसके के लिए सपा रालोद (SP RLD) की ओर से चौधरी जयंत को राज्यसभा का सदस्य बनाने की तैयारी की जा रही है। बता दें कि पश्चिमी उप्र में सपा—रालोद ने भाजपा को काफी मजबूत चुनौती पेश की थी।
Read also: आरएलडी प्रदेश अध्यक्ष ने दिया इस्तीफा, जयंत चौधरी पर लगाए आरोप
जिसमें विधानसभा चुनाव 2022 (Assembly election 2022) में बहुमत पाने में भाजपा को अखिलेश यादव और रालोद के चौधरी जयंत ने पसीना ला दिया था। पश्चिमी उप्र में मजबूती के साथ उभरे इस गठबंधन के चुनावी नतीजों से अखिलेश और जयंत के चेहरे खिले हुए हैं। हालांकि सपा प्रदेश में सरकार बनाने के जदुई आंकड़े से काफी पीछे रह गई । लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और रालोद के चौधरी जयंत का मानना है कि अब नहीं तो 2024 में ही सही भाजपा को एक बार फिर पछाड़ने की तैयारी में है। इसी के तहत सपा-रालोद गठबंधन (SP-RLD alliance) देश और प्रदेश की भविष्य का राजनीति ताना-बाना बुन रहे हैं। प्रदेश में जून जुलाई में होने वाले राज्यसभा चुनाव में चौधरी जयंत सिंह को राज्यसभा भेजा जाने की तैयारी इसी ताने—बाने का हिस्सा बताया जा रहा है। बता दें कि इस बार विधानसभा चुनाव 2022 के परिणाम में रालोद के आठ विधायक जीते हैं। जयंत को राज्यसभा भेजने के लिए बाकी वोट की पूर्ति सपा के खाते से होगी। राज्यसभा के जरिए चौधरी जयंत विपक्षी गठबंधन के बड़े चेहरे के रूप में होंगे।