- किसान के धरने का एक साल पूरा होने पर गाजीपुर बार्डर पर हो रही किसान महापंचायत
नई दिल्ली। केंद्र सरकार द्वारा लाये गये तीन कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली के बार्डर पर चल रहे धरने को आज एक साल पूरा हो गया। आज गाजीपुर समेत सिंघु, टीकरी और शाहजहांपुर बाॅर्डर पर आयोजित किसान महापंचायतों में बड़ी संख्या में किसान पहुंचे हैं। गाजीपुर बार्डर पहुंचे पश्चिमी यूपी के गाजियाबाद, मेरठ, बुलंदशहर, हापुड़, मुजफ्फरनगर, बागपत, नोएडा आदि जिलों से आये किसानों में कृषि कानून वापस लिये जाने पर जश्न का माहौल है।
गाजीपुर बार्डर पर महापंचायत को संबोधित करते हुए भाकियू नेता राकेश टिकैत ने मांगे पूरी न होने तक बार्डर से वापस लौटने से इंकार कर दिया। टिकैत ने एमएसपी पर गारंटी कानून बनाने, किसान आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले 750 किसानों के परिवार को मुआवजा दिये जाने, किसानों पर दर्ज किये गये मुकदमे वापस लेने और किसानों की समस्याओं को हल करने के लिये कमेटी बनाने की मांग दोहराई। राकेश टिकैत ने कहा कि यह सभी मांगे पूरी हो जाये तो किसान बार्डर खाली कर अपने-अपने घर को लौट जायेंगें।
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किसान नेता योगेंद्र यादव के अनुसार किसानों की मांगों को पूरा न किये जाने तक संघर्ष जारी रहेगा। यादव ने कहा कि संघर्ष के स्वरूप पर चर्चा करने के कल यानि शनिवार का होने वाली बैठक में संयुक्त किसान मोर्चा विचार-विमर्श करेगा। 29 नवंबर से संसद मार्च निकालने को लेकर भी चर्चा की जायेगी।
गौरतलब है कि पीएम मोदी के कृषि कानून वापस लिये जाने के ऐलान के बाद कैबिनेट सत्र में भी कानून वापस लिये जाने को मंजूरी मिल गयी है। माना जा रहा है कि शीतकालीन संसद सत्र के पहले दिन यानि 26 नवंबर को कृषि कानून वापस लिये जाने के प्रस्ताव को मंजूरी मिल सकती है। मगर किसान एमएसपी गारंटी कानून, मृत किसानों के परिवार को मुआवजा और संसद में कानून वापस होने के बाद ही बार्डर से हटने का ऐलान कर रहे हैं।
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कैबिनेट सत्र में कानून वापसी को मंजूरी मिल चुकी है। यह प्रस्ताव 29 नवंबर को शीतकालीन संसद सत्र के पहले दिन पास हो सकता है। इसके बावजूद किसान पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत कह चुके हैं कि संसद में कानून वापस हुए बिना वापस नहीं जाएंगे। इसके साथ ही एमएसपी पर गारंटी कानून बने और मृतक किसानों को मुआवजा मिले। यह सारी मांगें पूरी हों, तब वह बाॅर्डरों से हटेंगे।इन सब मांगों को लेकर किसान 29 नवंबर से संसद मार्च निकालने की तैयारी कर रहे हैं।