महिला बॉक्सिंग विश्व चैंपियनशिप में दो दिनों में भारत की झोली में भारत की बेटियों ने चार गोल्ड मैडल डाले हैं. कल नीतू घंघास और स्वीटी बूरा ने विश्व चैंपियन शिप में अपना पहला गोल्ड हासिल किया था वहीँ आज पहले निखत ज़रीन और उसके बाद लवलीना बोरगोहेन ने गोल्ड जीतकर इतिहास रच दिया। टोक्यो ओलंपिक में ब्रॉन्ज़ मैडल जीतने वाली लवलीना बोर्गोहेन ने केडी जाधव इंडोर स्टेडियम में 75 किग्रा वर्ग में ऑस्ट्रेलिया के कैटलिन पार्कर को हराया। लवलीना बोर्गोहेन ने इससे पहले दो बार 2018, 2019 में वर्ल्ड चैंपियनशिप में ब्रॉन्ज़ मैडल जीता था।
निखत, नीतू, स्वीटी पहले ही जीत चुकी हैं गोल्ड
इससे पहले आज पहले निकहत जरीन ने 50 kg कैटेगरी में दबदबा बनाते हुए विश्व चैंपियनशिप में अपना लगातार दूसरा स्वर्ण पदक जीता। इससे पहले 25 मार्च को नीतू घनघास ने 48 किग्रा और स्वीटी बूरा ने 81 कग भार वर्ग में गोल्ड मैडल जीते थे। लवलीना बोर्गोहेन ने दो बार की राष्ट्रमंडल खेलों की विजेता कैटलिन पार्कर के खिलाफ एक सख्त मुकाबले वाले फाइनल में अपने लम्बे कद का अच्छा इस्तेमाल किया। इससे पहले भारतीय मुक्केबाज़ ने सेमीफाइनल में चीन की ली कियान को पराजित कर फाइनल के लिए अपना हौसला बढ़ाया था.
आखरी राउंड में रहा ज़ोरदार मुकाबला
हालांकि कैटलिन पार्कर ने आसानी से हार नहीं मानी। पार्कर दूसरे दौर में ज़बरदस्त वापसी की, जिसकी वजह से जजों का विभाजित निर्णय सामने आया. फाइनल राउंड में दोनों मुक्केबाज़ों ने ऑल आउट मुकाबला किया, करो या मरो के इस राउंड में दोनों ही मुक्केबाज़ों ने अपना सब कुछ दांव पर लगाया दिया । राऊंड ख़त्म होने के अंतिम क्षणों में अत्यधिक दबाव में होने के बावजूद भारतीय मुक्केबाज़ ने पार्कर पर एक सटीक मुक्का मारा और फिर बचाव के लिए पीछे हट गयीं और एक ऐतिहासिक कामयाबी हासिल की.