इंदौर टेस्ट की पिच को लेकर ICC द्वारा की गयी कार्रवाई पर BCCI ने फिर से गौर करने को कहा है. ICC को लिखे जवाब में भारतीय बोर्ड ने कहा है मैच रेफरी क्रिस ब्रॉड द्वारा इंदौर की पिच को लेकर किया गया फैसला जल्दबाज़ी वाला कहा जायेगा क्योंकी मैच ख़म होने के कुछ ही घंटों बाद मैच रेफरी ने पिच रिपोर्ट ICC को सौंप दी जिसपर उसने इंदौर की पिच को तीन डीमेरिट अंक दिए. यह डीमेरिट अंक पांच साल के रोलिंग पीरियड में सक्रीय रहेंगे, BCCI ने ICC से अपने फैसले की समीक्षा करने को कहा है.
फैसला लेने में जल्दबाज़ी
आईसीसी की दो सदस्यीय कमेटी अब भारतीय क्रिकेट कण्ट्रोल बोर्ड की आपत्ति पर गौर करेगी। बीसीसीआई के मुताबिक उसने अपील इसलिए की है क्योंकि उसे लगता है कि रेटिंग पॉइंट काटने में जल्दबाजी में दी गई है। किसी भी पिच को लेकर इतनी जल्दी फैसला आना असामान्य सा लगता है, बीसीसीआई अधिकारियों का मानना है कि इस फैसले में समीक्षा की गुंजाइश है बोर्ड ने ICC से कहा है कि अगर संभव हो तो फैसले को औसत से नीचे कर सकते हैं। बता दें कि भारत यह टेस्ट हार गया था और मैच सवा दो दिन में ही ख़त्म हो गया था.
ICC पहले भी कर चुकी है पुनर्विचार
बता दें कि आईसीसी पहले भी इस तरह के मामलों पर पुनर्विचार कर चुकी है। अभी हाल ही में आईसीसी ने रावलपिंडी की पिच पर दिए गए अपने फैसले को रद्द कर दिया था. रावलपिंडी की पिच को ‘औसत से नीचे’ घोषित करने के साथ एक डिमेरिट अंक भी दिया गया था. पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने इस मामले में ICC में अपील की और इसके बाद आईसीसी अपने फैसले को वापस लेते हुए पुरानी रेटिंग बहाल कर दी और WTC टेस्ट की मेजबानी करने वाले स्टेडियम के लिए अपना फैसला वापस ले लिया। अब इस मामले को आईसीसी महाप्रबंधक की दो सदस्यीय समिति और क्रिकेट समिति के अध्यक्ष पिच रिपोर्ट के आकलन की समीक्षा करेंगे। बता दें कि सौरव गांगुली क्रिकेट समिति के अध्यक्ष हैं, बीसीसीआई ने गांगुली का विरोध किया है इसलिए हो सकता है कि गांगुली की जगह कोई और इस मामले को देखे।