हिंडनबर्ग की निगेटिव रिपोर्ट, रिटेल निवेशकों की दूरी के बावजूद अडानी ग्रुप की कंपनी अडानी इंटरप्राइजेज का FPO पूरी तरह सब्सक्राइब हो गया. इस FPO के पूरी तरह सब्सक्राइब होने के पीछे आबू धाबी स्थित इंटरनेशनल होल्डिंग कंपनी (IHC) का बड़ा हाथ बताया जा रहा जिसने निगेटिव सेंटीमेंट्स के बावजूद कंपनी में लगभग 3,260 करोड़ रुपये का निवेश किया है. जहाँ तक रिटेल निवेशकों की बात करें तो इसमें सिर्फ 12 प्रतिशत लोगों ने ही रूचि दिखाई है.
112 प्रतिशत मिला अभयदान
जानकारी के मुताबिक तीसरे और अंतिम दिन शाम 4 बजे तक यह FPO 112 फीसदी सब्सक्राइब हो गया है.इसमें नॉन इंस्टीट्यूशनल बायर्स के लिए रिजर्व हिस्सा 3.32 गुना फीसदी सब्सक्राइब हुआ है. क्वालिफाइड इंस्टीट्यूशनल के लिए रिजर्व हिस्सा 126 फीसदी सब्सक्राइब हुआ, कर्मचारियों के लिए रिजर्व हिस्सा भी पूरा नहीं भरा और सिर्फ 53 फीसदी भरा. लेकिन ओवरआल यह 112 फीसदी सब्सक्राइब हुआ है. बता दें Adani Enterprises का FPO 27 जनवरी को खुला था पहले दिन यह सिर्फ 1 प्रतिशत ही सब्सक्राइब हो पाया था जबकि दुसरे दिन यह तीन प्रतिशत तक पहुंचा. लेकिन तीसरे दिन अन्तः यह FPO पूरा भरने में कामयाब हो गया.
भारतीय इतिहास का सबसे बड़ा FPO
बता दें कि यह भारतीय शेयर बाजार के इतिहास का सबसे बड़ा FPO है, जिसका साइज 20,000 करोड़ रुपये है. कंपनी ने FPO ओपन होने से पहले ही एंकर निवेशकों से 5,985 करोड़ जुटाए हैं. FPO का price band 3,112-3,276 रुपये प्रति शेयर था. हालाँकि FPO क्लोज होने पर ओपन मार्किट में इस शेयर का प्राइस 2973.90 रूपये प्रति शेयर रहा, यही वजह है कि खुदरा निवेशक इस FPO से दूर ही रहे. जहाँ तक आज अडानी ग्रुप के दुसरे शेयरों की बात रही तो आज भी अडानी टोटल, अडानी विल्मर और अडानी पावर में लोअर सर्किट लगा. BSE और NSE आज अडानी की तीन कंपनियों लोअर सर्किट 20 प्रतिशत से 10 प्रतिशत कर दिया था ताकि शेयरों को और ज़्यादा गिरने से बचाया जा सके.