नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात कार्यक्रम के जरिये रविवार को देश को संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने अपने कार्यक्रम में किसानों की जिक्र किया और उनका किस्सा सुनाया। उन्होंने कहा कि किसान मजबूत होंगे तो आत्मनिर्भर भारत की नींव मजबूत होगी।
आत्मनिर्भर भारत
पीएम ने कहा, देश का कृषि क्षेत्र, हमारे किसान, हमारे गांव, आत्मनिर्भर भारत का आधार हैं। ये मजबूत होंगे तो आत्मनिर्भर भारत की नींव मजबूत होगी। बीते कुछ समय में इन क्षेत्रों ने खुद को अनेक बंदिशों से आज़ाद किया है, अनेक मिथकों को तोड़ने का प्रयास किया है।
कोरोना काल में कृषि क्षेत्र ने दिखाया दम
उन्होंने आगे कहा कि हमारे यहां कहा जाता है, जो ज़मीन से जितना जुड़ा होता है वो बड़े-से-बड़े तूफानों में भी उतना ही अडिग रहता है। कोरोना के इस कठिन समय में हमारा कृषि क्षेत्र, हमारा किसान इसका जीवंत उदाहरण है। संकट के इस काल में हमारे देश के कृषि क्षेत्र ने फिर अपना दमखम दिखाया है।
बंदिशों से आज़ादी
प्रधानमंत्री ने कहा कि बीते कुछ समय में इन क्षेत्रों ने खुद को अनेक बंदिशों से आजाद किया है, अनेक मिथकों को तोड़ने का प्रयास किया है। 3-4 साल पहले ही महाराष्ट्र में फल और सब्जियों को एपीएमसी के दायरे से बाहर किया गया था। इस बदलाव ने महाराष्ट्र के फल और सब्जी उगाने वाले किसानों की स्थिति बदली है। इन किसानों के अपने फल – सब्जियों को कहीं पर भी, किसी को भी बेचने की ताकत है और ये ताकत ही उनकी इस प्रगति का आधार है।
किसानों को फायदा
उन्होंने ने कहा कि आज, गांव के किसान स्वीट कॉर्न और बेबी कॉर्न की खेती से, ढ़ाई से तीन लाख प्रति एकड़ सालाना कमाई कर रहे हैं। हरियाणा के एक किसान भाई में मुझे बताया कि कैसे एक समय था जब उन्हें मंडी से बाहर अपने फल और सब्जियां बेचने में दिक्कत आती थी। लेकिन 2014 में फल और सब्जियों को एपीएमसी एक्ट से बाहर कर दिया गया, इसका उन्हें और आसपास के साथी किसानों को बहुत फायदा हुआ।
परिव्राजक का रूप
इसके अलावा प्रधानमंत्री ने कहा, मैं अपने जीवन में बहुत लंबे अरसे तक एक परिव्राजक के रूप में रहा। घुमंत ही मेरी जिंदगी थी। हर दिन नया गांव, नए लोग, नए परिवार। भारत में कहानी कहने की, या कहें किस्सा-कोई की, एक समृद्ध परंपरा रही है। हमारे यहां कथा की परंपरा रही है। ये धार्मिक कहानियां कहने की प्राचीन पद्धति है।