Electric Vehicle: इलेक्ट्रिक व्हीकल को बढ़ावा देने के लिए शुरू की गई FAME योजना के तीसरे चरण के लिए वित्त मंत्रालय पीछे हट सकता है। रिपोर्ट के मुताबिक, वित्त मंत्रालय ने चालू वित्त वर्ष के बाद फास्टर एडॉप्शन एंड मैन्युफैक्चरिंग ऑफ इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (FAME) योजना के तहत देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए सब्सिडी जारी रखने के प्रस्ताव के पीछे के तर्क पर सवाल उठाया है।
इलेक्ट्रिक वाहन निर्माताओं को सरकारी समर्थन की जरूरत नहीं
इस मामले से परिचित अधिकारियों के हवाले से बताया कि मंत्रालय का मानना है कि प्रमुख इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहन निर्माताओं (FAME I और II योजनाओं के सबसे बड़े लाभार्थी) को किसी और सरकारी समर्थन की जरूरत नहीं है।
भारी उद्योग मंत्रालय ने इलेक्ट्रिक और वैकल्पिक ईंधन वाहनों की बिक्री को बढ़ावा देने के लिए FAME III के तहत अगले पांच सालों के लिए उच्च आवंटन के साथ EV के लिए सब्सिडी बढ़ाने का प्रस्ताव दिया। बता दें कि केंद्र सरकार ने 2015 से 2019 तक लागू FAME I के लिए 895 करोड़ रुपये निर्धारित किए थे। 2019-24 की अवधि के लिए FAME II में आवंटन को बढ़ाकर 10,000 करोड़ रुपये कर दिया गया था।
FAME III के लिए अधिक राशि के आवंटन की उम्मीद
FAME III के लिए इससे भी अधिक राशि की उम्मीद की जा रही है लेकिन जिन सेगमेंट को टारगेट किया जाना है, उन्हें अभी तक अंतिम रूप नहीं दिया गया है। सरकार का मानना है कि EV मार्केट परिपक्वता के बिंदु पर पहुंच गया है।
सरकारी अधिकारी ने कहा कि इसके अलावा, बैटरी और ऑटो कंपोनेंट विनिर्माण के लिए प्रदर्शन से जुड़ी प्रोत्साहन योजना (PLI Scheme) के तहत भी समर्थन की पेशकश की जा रही है।
रिपोर्ट में एक अन्य अधिकारी के हवाले से कहा गया कि भारी उद्योग मंत्रालय वित्त मंत्रालय के साथ चर्चा कर रहा है और प्रस्ताव पर अंतिम फैसला देश में EV की पहुंच की स्थिति, आवश्यक समर्थन और धन की उपलब्धता को ध्यान में रखने के बाद लिया जाएगा।