आज गुरुपुष्यमृत योग में हरियाली अमावस्या पड़ रही है। यह अमावस्या विशेष बताई जाती है क्योंकि यह गुरुवार दर्श होने के साथ ही सावन की हरियाली अमावस्या भी है। स्कन्दपुराण के प्रभास खंड के अनुसार अमावास्यां नरो यस्तु परान्नमुपभुञ्जते।।तस्य मासकृतं पुण्क्मन्नदातुः प्रजायते”। यानी व्यक्ति अमावस्या को दूसरे का अन्न खाता है उसका महीने भर का पुण्य उस अन्न के स्वामी और दाता को मिल जाता है। आज गुरुवार को सुबह 7:05 से कल शुक्रवार 29 जुलाई सूर्योदय तक गुरुपुष्यामृत योग लग रहा है।
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शिव पुराण’ में पुष्य नक्षत्र को भगवान शिव की विभूति बताया है। पुष्य नक्षत्र के प्रभाव से अनिष्ट-से-अनिष्टकर दोष समाप्त और निष्फल हो जाते हैं। वे हमारे लिए पुष्य नक्षत्र पूरक बनकर अनुकूल फलदायी होते हैं। ‘सर्वसिद्धिकर: पुष्य: इस शास्त्रवचन के अनुसार पुष्य नक्षत्र सर्वसिद्धिकर होता है। पुष्य नक्षत्र में किये श्राद्ध से पितरों को अक्षय तृप्ति होती है। कर्ता को धन,पुत्रादि की प्राप्ति होती है। योग में किया गया जप, ध्यान, दान, पुण्य महाफलदायी होता है। पुष्य में विवाह व उससे संबधित सभी मांगलिक कार्य वर्जित हैं।