नई दिल्ली। गर्मियों में चीनी के दामों में तेजी आई है। दो हफ्ते में चीनी की कीमत 6 प्रतिशत तक बढ़ गई है। जानकारों ने बताया कि देश में चीनी की कीमतों में पिछले दो हफ्तों में 6 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई है और आगे दाम में इजाफा जारी रह सकता है। चीनी की कीमतों में इजाफे के पीछे सबसे बड़ा कारण इस साल गन्ने के उत्पादन में कमी को बताया जा रहा है।
थोक बाजार में चीनी की मांग में बढ़त हुई है। ऐसे में कीमतों में इजाफे के बाद चीनी का उत्पादन करने वाली कंपनियां जैसे बलरामपुर चीनी, श्री रेणुका शुगर्स, डालमिया भारत शुगर और द्वारिकेश शुगर के मार्जिन में सुधार होने की संभावना है। कंपनियां किसानों को गन्ने का सही समय पर भुगतान कर पाएंगे।
ग्राहकों पर महंगाई की मार
जहां किसानों को कीमतें बढ़ने से सही समय पर गन्ने का भुगतान मिल सकता है। वहीं दूसरी तरफ आम लोगों के लिए चीनी का मिठास कड़वाहट में बदल सकती है। चीनी की कीमतों में इजाफे के बाद खाद्य मुद्रास्फीति (Food Inflation) में और इजाफा हो सकता है। इसके साथ ही सरकार के चीनी निर्यात के प्लान पर पानी फिर सकता हैं। गौरतलब है कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में चीनी की कीमतों में जबरदस्त तेजी देखी जा रही है। चीनी कीमतों ने पिछले कई सालों का रिकॉर्ड तोड़ दिया है।
गर्मियों में बढ़ी चीनी की मांग
गर्मियों के दौरान चीनी की खपत में इजाफा देखने को मिलता है। अप्रैल के बाद से देश में बढ़ते तापमान के साथ कोल्ड ड्रिंक्स, आइसक्रीम आदि की खपत के कारण बाजार में चीनी की डिमांड बढ़ती है। इसके साथ ही शादियों के सीजन के कारण भी चीनी की मांग में इजाफा होता है। ऐसे बढ़ती कीमतों के कारण आम लोगों और कंपनियों सभी पर इसका असर दिखेगा। बाजार में चीनी की कीमत में एक रुपए प्रति किलो से लेकर दो रुपए प्रति किलो का इजाफा हुआ है।