एक तरफ जेल में न्यायिक हिरासत में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अपने संदेशों के द्वारा लोगों को ये बता रहे हैं कि दिल्ली के मुख्यमंत्री वही हैं और जेल से सरकार चला रहे हैं वहीँ भाजपा की तरफ से लगातार ये बात कही जा रही है कि जेल से सरकार नहीं चलाई जा सकती। केजरीवाल को सीएम पद से हटाने के लिए डाली याचिका को आज एकबार फिर दिल्ली हाई कोर्ट ने ख़ारिज कर दिया, इससे पहले भी उच्च न्यायालय इस बारे में डाली गयी याचिका को ख़ारिज कर चूका है.
हिंदू सेना के अध्यक्ष विष्णु गुप्ता की तरफ से दायर इस याचिका में कहा गया है कि शराब नीति घोटाले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग मामले में प्रवर्तन निदेशालय द्वारा मुख्यमंत्री केजरीवाल की गिरफ्तारी के बाद पैदा हुई स्थिति संविधान के मुताबिक सही नहीं है। हाईकोर्ट ने आज इस याचिका पर सुनवाई की मगर कहा कि मुख्यमंत्री को हटाना उसके अधिकार क्षेत्र से बाहर है। बता दें कि मुख्यमंत्री केजरीवाल 15 अप्रैल तक न्यायिक हिरासत में हैं.
सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट ने कहा कि कभी-कभी व्यक्तिगत हित को राष्ट्रीय हित के अधीन करना पड़ता है। बता दें कि केजरीवाल ने कहा था वो जेल से सरकार चलाएंगे, कोर्ट ने इसी सम्बन्ध में ये बात कही। कोर्ट ने आगे ये भी कहा कि यह केजरीवाल की निजी राय है अगर वह ऐसा नहीं करना चाहते तो यह उन पर निर्भर है। कोर्ट ने पूछा कि क्या आपके पास ऐसा कोई उदाहरण है कि कोर्ट द्वारा राष्ट्रपति शासन या राज्यपाल शासन लगाया गया है? पीठ ने हिन्दू सेना की याचिका को खारिज करते हुए सलाह दी कि वह अदालत से उम्मीद रखने के बजाय संवैधानिक अधिकारियों से इसका निवारण मांगें। पीठ ने कहा कि ये मामला राज्यपाल का है अदालत का नहीं.