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नीट पर फैसला सभी पक्षों को सुनने के बाद, सुप्रीम कोर्ट में आज हुई सुनवाई

एजुकेशननीट पर फैसला सभी पक्षों को सुनने के बाद, सुप्रीम कोर्ट में...

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मेडिकल प्रवेश परीक्षा से जुड़े नीट यूजी 2024 परीक्षा विवाद पर सोमवार को सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने पेपर लीक की बात मानते हुए फैसला लेने से पहले सभी का पक्षों को सुनने की बात कही। बता दें कि छात्रों की ओर से इस मामले में नए सिरे से सुनवाई करने का निर्देश देने के लिए याचिका दायर की गई थी। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और मनोज मिश्रा की बेंच के सामने नीट विवाद से जुडी कुल 38 याचिकाएं दायर की गई थीं।

केंद्र सरकार ने नीट परीक्षा रद्द करने के खिलाफ दलील देते हुए कहा है कि बड़े पैमाने पर निजता के उल्लंघन का कोई सबूत नहीं है। एनटीए ने भी ऐसी दलील देते हुए सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर किया है। सुनवाई में एनटीए ने कहा कि परीक्षा रद्द करना जनहित के लिए नुकसानदायक होगा, NTA ने कहा कि गड़बड़ी का संदेह केवल पटना और गोधरा केंद्रों पर है। एनटीए ने इन्हें व्यक्तिगत मामले बताते हुए कहा कि परीक्षा रद्द करने या नई परीक्षा आयोजित करने की आवश्यकता नहीं है।

मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने कहा कि नीट की परीक्षा में बहुत से गरीब परिवार के बच्चे भी आते हैं और इनके लिए दूर शहरों में रखे गए परीक्षा केंद्रों तक जाने के लिए पैसे खर्च करना एक बड़ी समस्या है और इसीलिए जबतक बहुत ज़रूरी न हो वो करीब 24 लाख छात्रों के लिए दोबारा परीक्षा का आदेश देने से कतरा रही है।

सॉलिसिटर जनरल ने सुनवाई के दौरान कहा कि पटना, पेपर लीक होना कोई स्वीकृत तथ्य नहीं है। अधिवक्ता नेदुम्परा ने कहा कि यह एक स्वीकृत तथ्य है। हालांकि, केंद्र सरकार और नीट-यूजी आयोजित करने वाली राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) ने सर्वोच्च न्यायालय से कहा कि बड़े पैमाने पर गोपनीयता भंग होने के सबूत के बिना परीक्षा रद्द करने से लाखों ईमानदार उम्मीदवारों को “गंभीर रूप से खतरा” होगा।

सुप्रीम कोर्ट ने साइबर फोरेंसिक यूनिट को शामिल करने, एआई का उपयोग करके गलत काम करने वालों की संख्या का पता लगाने और उनके लिए फिर से परीक्षा की संभावना तलाशने के बारे में पूछा।

बता दें कि एनटीए ने 5 मई, 2024 को नीट-यूजी परीक्षा आयोजित की थी। परिणाम 4 जून, 2024 को घोषित किए गए थे। वर्तमान स्थिति में ऐसा प्रतीत होता है कि 5 मई को पटना में नीट यूजी 2024 के प्रश्नपत्रों में लीक का आरोप लगाते हुए एक प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जिसमें विभिन्न धाराओं के तहत अपराध शामिल थे।

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