कल केरल के वायनाड भूस्खलन त्रासदी में मरने वालों की संख्या बुधवार को बढ़कर 151 हो गई, जबकि कई लोग घायल हैं और बहुत से लोग फंसे हुए हैं। राहत और बचाव अभियान जारी है। बचाव दल का कहना है कि अभी एक और भूस्खलन की सम्भावना है.
कल देर रात हुए भूस्खलन ने इस क्षेत्र में बड़े पैमाने पर तबाही मचा दी है, घर और सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं, पेड़ उखड़ गए हैं और जलस्रोतों में पानी भर गया है, जिससे बचाव अभियान में बाधा आ रही है। इस बीच केरल विधानसभा में राष्ट्रीय ध्वज आधा झुका दिया गया है. मंगलवार को केंद्रीय मंत्री जॉर्ज कुरियन चल रहे राहत कार्यों का जायजा लेने के लिए वायनाड पहुंचे, जहां उन्होंने एनडीआरएफ, सीआरपीएफ और सेना के वरिष्ठ अधिकारियों से बातचीत की। उन्होंने रात 11 बजे कलपेट्टा में एक राहत शिविर का भी दौरा किया।
एनडीआरएफ कमांडर अखिलेश कुमार ने कहा है, “हमने कल मुंदक्कई गांव से घायल पीड़ितों को बचाया। हमें डर है कि पीड़ित ढही हुई इमारतों में फंसे हो सकते हैं. कल रात 10 बजे तक हमने 70 लोगों को बचाया, अभी हम मौतों की सही संख्या नहीं बता सकते, क्योंकि हमें केवल उन शवों के बारे में पता है जिन्हें हमारी टीम ने बरामद किया है लोगों को नदी के दूसरी तरफ एक मस्जिद में शरण दी गई है।
केरल के स्वास्थ्य मंत्री कार्यालय के अनुसार, प्रभावित क्षेत्रों में उपलब्ध अस्पताल के बिस्तरों की सटीक ट्रैकिंग के निर्देश दिए। मंत्री जॉर्ज ने यदि आवश्यक हो तो अस्थायी अस्पताल स्थापित करने की भी सिफारिश की और मोबाइल शवगृहों के उपयोग सहित मौजूदा अस्पतालों में शवगृह प्रणालियों का मूल्यांकन करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने नियंत्रण कक्ष के संचालन की भी समीक्षा की, जो स्वास्थ्य कर्मियों और जनता दोनों की सहायता के लिए 24/7 कार्य करेगा। बता दें कि मंगलवार की सुबह, वायनाड में मेप्पाडी पंचायत के अंतर्गत वेल्लारीमाला गांव के मुंडक्कई और चूरामाला क्षेत्रों में दो बड़े भूस्खलन हुए। भूस्खलन ने कई घरों को नष्ट कर दिया, पेड़ उखड़ गए और जल निकायों में बाढ़ आ गई।