कांग्रेस के संकट मोचक डीके शिवकुमार उस समय परेशानी में आ गए जब सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के प्रावधानों के तहत कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति से संबंधित सीबीआई के मामले को खारिज करने से इनकार कर दिया। शीर्ष अदालत ने कहा कि वह खंडित फैसले के आधार पर मामले को खारिज नहीं कर सकती।
न्यायमूर्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति एससी शर्मा की पीठ ने कहा कि वह कर्नाटक उच्च न्यायालय के आदेश में हस्तक्षेप करने के लिए इच्छुक नहीं है। शीर्ष अदालत कर्नाटक उच्च न्यायालय के 19 अक्टूबर, 2023 के आदेश के खिलाफ डीके शिवकुमार द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही थी, जिसमें उनकी याचिका खारिज कर दी गई थी। उच्च न्यायालय ने सीबीआई को जांच पूरी करने और तीन महीने के भीतर रिपोर्ट दाखिल करने का भी निर्देश दिया।
जांच एजेंसी ने आरोप लगाया है कि शिवकुमार ने 1 अप्रैल 2013 से 30 अप्रैल 2018 के बीच अपनी आय के ज्ञात स्रोतों से अधिक 74.93 करोड़ रुपये की संपत्ति अर्जित की, जब वह सिद्धारमैया के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार में ऊर्जा मंत्री थे। बता दें कि डीके शिवकुमार के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियां लगातार कार्रवाई करती रही हैं मगर अभी तक वो कांग्रेस के इस नेता के खिलाफ कुछ भी ठोस नहीं जुटा पायी हैं. कर्नाटक में कांग्रेस में सत्ता में लाने में डीके शिवकुमार की बहुत बड़ी भूमिका रही है यही वजह है कि उनके खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई की तलवार हमेशा लटकती रहती है, फिलहाल उनके खिलाफ सीबीआई आय से अधिक संपत्ति के मामले में उन्हें घेरने की कोशिश कर रही है.