समाजवादी प्रमुख अखिलेश यादव ने कल रात को जब से ये बयान जारी किया है कि उत्तर प्रदेश की 9 विधानसभा सीटों के लिए होने वाले उपचुनाव में इंडिया गठबंधन यानीं सपा और कांग्रेस एक साथ एक सिम्बल पर चुनाव लड़ेंगे तब से एक कन्फ्यूज़न फैला हुआ था कि अखिलेश की इस बात का क्या मतलब है, क्या उपचुनाव में सपा के लिए मैदान खाली करने वाली कांग्रेस पार्टी अपने उम्मीदवार उतारने को राज़ी हो गयी है और अगर राज़ी हो गयी है तो क्या वो साइकिल के चुनाव निशान पर उपचुनाव में उतरेगी लेकिन दोपहर बाद दिल्ली में कांग्रेस पार्टी ने एक पत्रकार वार्ता करके इस कन्फ्यूज़न को दूर कर दिया।
कांग्रेस पार्टी के दिल्ली दफ्तर में आज उत्तर प्रदेश कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष अजय राय और यूपी इंचार्ज अविनाश पांडेय पत्रकारों के सामने स्पष्ट कर दिया कि उत्तर प्रदेश की 9 सीटों के उपचुनाव में कांग्रेस पार्टी का कोई उम्मीदवार चुनाव नहीं लड़ेगा, सभी सीटों पर समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी होंगे और कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता उनका ज़ोरदार ढंग से समर्थन करेंगे। कांग्रेस नेताओं ने इस फैसले के पीछे के उद्देश्य को बताते हुए कहा कि देश के संविधान को बचाने और भाजपा के हराने के लिए जनता के हित में यह ज़रूरी फैसला लिया गया है.
अविनाश पांडेय ने कहा कि ये फैसला बहुत सोच समझकर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे, प्रदेश कांग्रेस के नेताओं और सपा प्रमुख के बीच बातचीत के बाद लिया गया है. कांग्रेस नेताओं ने कहा कि सपा प्रमुख के बयान के बाद भाजपा नेताओं द्वारा अफवाहें फैलाई जा रही हैं कि कांग्रेस पार्टी और सपा के बीच रिश्तों में दरार आ गयी है, इसलिए इस बात को सपष्ट करना ज़रूरी था ताकि भाजपा की प्रोपेगंडा मशीन को मुंहतोड़ जवाब दिया जा सके. कांग्रेस नेताओं ने कहा कि दोनों पार्टियों के बीच मज़बूत रिश्ते हैं और ये गठबंधन 2027 में प्रदेश से भाजपा का सफाया कर देगा।