नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने आज गुरुवार को कहा कि भारतीय बैंकिंग प्रणाली लचीली बनी हुई है। यह वैश्विक वित्तीय पारिस्थितिकी तंत्र में हाल की घटनाओं से प्रतिकूल रूप से प्रभावित नहीं हुई है। आरबीआई की ओर से प्रवर्तित कॉलेज ऑफ सुपरवाइजर्स की ओर से वित्तीय लचीलापन पर आयोजित एक वैश्विक सम्मेलन में दास ने कहा, ‘भारतीय बैंकिंग प्रणाली लचीली बनी हुई है और कुछ विकसित अर्थव्यवस्थाओं में देखी गई वित्तीय अस्थिरता का इस पर नकारात्मक असर नहीं पड़ा है।
भारतीय बैंक पूंजी से जुड़ी समस्याओं से निपटने में सक्षम
कुछ हफ्ते पहले सिलिकॉन वैली बैंक के डूबने के कारण अमेरिका और युरोप की वित्तीय स्थिति चरमरा गई थी। आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि रिजर्व बैंक के दबाव परीक्षण से पता चलता है कि भारतीय बैंक अपनी चुनौतियों से निपटते हुए पूंजी बफर को न्यूनतम आवश्यकताओं से ऊपर बनाए रखने में सक्षम होंगे। उन्होंने कहा कि रिजर्व बैंक भारतीय वित्तीय प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
हालांकि, उन्होंने कहा कि वित्तीय क्षेत्र में चौंकाने वाली स्थिति कहीं से भी आ सकती है क्योंकि दुनिया भर में प्रतिभागी लीक से हटकर नीतियां बना रहे हैं। आरबीआई गवर्नर ने हितधारकों से सतर्क रहने का आग्रह किया। दास ने कहा कि रिजर्व बैंक भारतीय वित्तीय प्रणाली को भविष्य में मजबूत बनाने और सतत वृद्धि के लिए समर्थन उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है।