बाजार:- भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा बढ़ाई गई रेपो रेट ने हर सेक्स्टर पर अपना प्रभाव डाला है इसके प्रभाव से भारतीय शेयर बाजार से लेकर प्रत्येक प्राइवेट और सरकारी बैंक कोई अछूता नहीं रहा है। जहां प्राइवेट और सरकारी बैंकों से अपनी ब्याज दरों में इजाफा किया है। वही अगर हम म्युचुअल फंड की बात करे तो यह RBI की बढ़ी रेपो रेट से खूब प्रभावित हुए हैं। विशेषज्ञयों का कहना है कि जिस तरह से ब्याज दरों में इजाफा हो रहा है इसके चलते 6 महीने से लेकर 2 साल के लिए होने वाले म्युचुअल फंड के इंवेसमेन्ट पर काफी प्रभाव पड़ेगा।
विशेषज्ञयों ने कहा जिन लोगो ने म्युचुअल फंड में ज्यादा समय के लिए इंवेसमेन्ट किया है उन्हें इसका प्रभाव कम दिखाई देगा। लेकिन कम समय के इनवेस्टर इससे प्रभावित होंगे वही लम्बे समय के इनवेस्टर को शायद कम नुकसान झेलना पड़े। उन्होंने कहा जो लोग शार्ट टर्म के लिए म्युचुअल फंड में पैसा निवेश कर रहे हैं अब उन्हें सावधान रहना चाहिए और ऐसा विकल्प चुनना चाहिए जो उनके लिए घाटे का सौदा न बने।
जिन लोगो को म्युचुअल फंड में अपना पैसा 6 महीने से लेकर 2 साल तक के लिए निवेश करना रहता है उन्हें डेट म्यूचुअल फंड्स में निवेश करना चाहिए. शॉर्ट टर्म टाइम होरिजन के लिए खासकर लिक्विड, मनी मार्केट और बॉन्ड फंड्स में निवेश बेहतर है। इन फंड्स में अन्य फंड्स की अपेक्षा रिस्क कम रहता है। लिक्विड, मनी मार्केट और बॉन्ड फंड्स में निवेश से निवेशकों को मौजूदा वार्षिक औसत रिटर्न से 0.5 से 1 फीसदी अधिक रिटर्न मिलने की उम्मीद है। बॉन्ड यील्ड 5.1 फीसदी से 5.20 फीसदी के दायरे में कारोबार कर रही है. रेपो रेट में बढ़ोतरी के कारण बॉन्ड मार्केट में भी अगले 2 वर्षों में मजबूत वृद्धि दिखेगी। बॉन्ड की यील्ड पिछले दिनों के 7.11 फीसदी की तुलना में बढ़कर 7.36 फीसदी पर पहुंच गई।