नई दिल्ली: वैश्विक वित्तीय संस्थान इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड (IMF) ने मोदी सरकार की तरफ से हाल में लागू कृषि कानूनों का समर्थन किया है. आईएमएफ का कहना है कि भारत में कृषि सुधारों को लेकर यह एक महत्वपूर्ण कदम है. हालांकि आईएमएफ का यह भी कहना है कि भारत सरकार को उन लोगों की सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए नीतियां बनानी चाहिए जिन पर इन कानूनों से प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है.
कम होगी बिचैलियों की भूमिका
आईएमएफ के डायरेक्टर ऑफ कम्युनिकेशंस गेरी राइस का कहना है कि इन कानूनों से बिचैलियों की भूमिका कम होगी और क्षमता बढ़ेगी. एक कांफ्रेंस में उन्होंने कहा कि भारत में कृषि सुधारों को लेकर एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. दूसरी ओर, कृषि कानूनों के खिलाफ किसान संगठनों का धरना-प्रदर्शन जारी है. किसान नेता कानून वापस लिये जाने की मांग पर अड़े हैं. वहीं, देश की शीर्ष अदालत ने इस मामले को सुलझाने के लिए एक समिति का गठन किया है.
बढ़ेगा किसानों का मुनाफा
राइस के मुताबिक नए कृषि कानूनों से किसानों की सेलर्स तक सीधा संपर्क बनेगा और मिडिलमैन की भूमिका कम होगी. मिडिलमैन की भूमिका कम होने से किसानों का मुनाफा बढ़ेगा और इसे ग्रामीण इलाकों की ग्रोथ को सहारा मिलेगा. कृषि बिल के खिलाफ चल रहे किसानों के आंदोलन के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि एक नए सिस्टम को अपनाने (ट्रांजिशन) से जिन लोगों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा, उनकी सामाजिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सरकार को नीति लेकर आना चाहिए. इसके लिए राइस ने रिफॉर्म से प्रभावित लोगों को रोजगार उपलब्ध कराए जाने की वकालत की है.