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न्यूट्रिशन में ग्लोबल लीडर एमवे ने आयुर्वेद पर बड़ा दांव खेला

बिज़नेसन्यूट्रिशन में ग्लोबल लीडर एमवे ने आयुर्वेद पर बड़ा दांव खेला

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न्यूट्रिशन में ग्लोबल लीडर एमवे ने आयुर्वेद पर बड़ा दांव खेला

अपने न्यूट्रिशन पोर्टफोलियो को मजबूती प्रदान की; च्यवनप्राश बाई न्यूट्रीलाइट लॉन्च किया

  • च्यवनप्राश बाई न्यूट्रीलाइट 16 प्रमाणित ऑर्गेनिक तत्वों से मिलकर बना है, जो डीएनए फिंगरप्रिंटेड जड़ी-बूटियों के साथ मान्यताप्राप्त है और इसमें कोई प्रिजर्वेटिव्स भी नहीं हैं।
  • इसी के साथ एमवे का 1000 करोड़ रुपए के च्यवनप्राश बाजार में प्रवेश; लॉन्च के पहले साल में ही प्रीमियम च्यवनप्राश सेगमेंट की 20% बाजार हिस्सेदारी पर कब्जा करने का लक्ष्य

हिसार: देश की अग्रणी एफएमसीजी डायरेक्ट सेलिंग कंपनियों में से एक एमवे इंडिया ने आज अपने प्रमुख ब्रांड न्यूट्रीलाइट के तहत च्यवनप्राश बाई न्यूट्रीलाइट लॉन्च करने की घोषणा की। च्यवनप्राश बाई न्यूट्रीलाइट पोषक तत्वों से भरपूर 32 जड़ी-बूटियों का एक गाढ़ा मिश्रण है, जिसे 16 प्रमाणित कार्बनिक अवयवों के साथ डीएनए फिंगरप्रिंटिंग द्वारा मान्यता प्रदान की गई है, और इसमें कोई प्रिजर्वेटिव्स भी नहीं हैं। पारंपरिक भारतीय रेसिपी से प्रेरित न्यूट्रीलाइट च्यवनप्राश का सूत्रीकरण मुख्य रूप से रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने, शरीर के कायाकल्प का समर्थन करता है, साथ ही ताकत और आंतरिक बल को बढ़ाता है, इसके अलावा दिन-प्रतिदिन के संक्रमणों से लड़ने में मदद भी करता है। इस लॉन्च के साथ ही एमवे ने च्यवनप्राश सेगमेंट में देश में फलते-फूलते आयुर्वेद बाजार के एक बड़े हिस्से पर कब्जा जमाने की रणनीति के साथ प्रवेश किया।

लॉन्च की घोषणा करते हुए एमवे इंडिया के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अंशु बुधराजा ने कहा, “पारंपरिक हर्बल श्रेणी पर विशेष ध्यान देने के साथ विटामिन और डाइटरी सप्लिमेंट्स बाजार में एमवे की शानदार उपस्थिति ने हमें च्यवनप्राश वर्ग में विस्तार करने के लिए स्वाभाविक रूप से विवश कर दिया। सफल विकास प्रक्षेपवक्र और श्रेणी की क्षमता के दम पर हमने पहले वर्ष में प्रीमियम च्यवनप्राश वर्ग की 20% बाजार हिस्सेदारी पर कब्जा करने का लक्ष्य रखा है। हम पारंपरिक जड़ी-बूटियों की श्रेणी पर विशेष रूप से ध्यान केंद्रित करने के साथ न्यूट्रिशन श्रेणी में नवाचार करना और इसे मजबूत करना आगे भी जारी रखेंगे. न्यूट्रिशन सेगमेंट में एक वैश्विक अगुवा एमवे लगातार उत्पाद नवाचार और अद्वितीय सीड-टू-सप्लिमेंट प्रक्रिया के माध्यम से स्वास्थ्य और प्रतिरक्षा के क्षेत्र में अपने नेतृत्व को मजबूत करने के लिए सतत रूप से प्रयासरत है।“

लॉन्च पर टिप्पणी करते हुए एमवे इंडिया के सीनियर वाइस प्रेजिडेंट,उत्तर एवम दक्षिण विभाग, उपाध्यक्ष, गुरशरण चीमा ने कहा, “चूंकि लोग न्यूट्रिशन पर ध्यान देने के साथ कल्याण के लिए समग्र दृष्टिकोण को अपना रहे हैं, तो गुणवत्ता वाले पोषण उत्पादों, विशेष रूप से भारतीय पारंपरिक जड़ी-बूटियों से बने न्यूट्रिशन सप्लिमेंट्स की मांग बढ़ रही है। न्यूट्रिशन और कल्याण के क्षेत्र में अपनी विशेषज्ञता के साथ हमने स्वदेशी तौर पर च्यवनप्राश बाई न्यूट्रिलाइट विकसित किया है। यह पारंपरिक भारतीय ज्ञान और आधुनिक विज्ञान का सच्चा सम्मिश्रण है। हमारा उत्पाद उ]च्चतम स्तर की शुद्धता, सुरक्षा और सामर्थ्य सुनिश्चित करता है और यह सरल, किंतु जानकारीपूर्ण लेबलिंग के साथ आता है, जिससे उपभोक्ताओं को बेहतर और सूचित विकल्प चुनने में मदद मिलती है। इष्टतम पहुंच सुनिश्चित करने और उपभोक्ताओं को जोड़ने के लिए हम विभिन्न प्लेटफॉर्मों पर डिजिटल एक्टिवेशंस शुरू कर रहे हैं। पश्चिम विभाग में, हम डायरेक्ट सेलर्स के लिए शैक्षिक सत्रों के साथ लॉन्च का समर्थन करेंगे, साथ ही प्रबुद्ध उपभोक्ताओं पर लक्षित श्रेणी के बारे में जागरूकता पैदा करने पर केंद्रित मल्टीमीडिया अभियान भी संचालित करेंगे। न्यूट्रीलाइट ब्रांड की मजबूत विरासत और इसकी स्वीकार्यता को देखते हुए हमें विश्वास है कि च्यवनप्राश बाई न्यूट्रीलाइट निश्चित रूप से उपभोक्ताओं का विश्वास जीतने में सफल होगा।”

हर्बल न्यूट्रिशन के प्रदर्शन के बारे में आगे बात करते हुए ॲमवे इंडिया के सी.एम.ओ, श्री अजय खन्ना ने कहा, “पारंपरिक सामग्रियों से युक्त हर्बल उत्पादों के प्रति उपभोक्ताओं के झुकाव के अनुरूप एनटीएचआर रेंज ने 2020 में मजबूत दोहरे अंकों की वृद्धि दर्ज की है। यह रेंज अंडर-35 आयु वर्ग के लोगों के बीच बेहद लोकप्रिय है, जैसा कि हमने पाया है कि एनटीएचआर के अंडर-35 आयु वर्ग के खरीदार 2020 में 35% से बढ़कर 45% तक पहुंच गए, जिससे पारंपरिक जड़ी-बूटियों की न्यूट्रिशन रेंज के लिए उनकी मजबूत प्राथमिकता का पता चलता है। चूंकि इष्टतम पोषण उपभोक्ताओं के लिए एक महत्वपूर्ण प्राथमिकता बनी हुई है, ऐसे में हम उम्मीद करते हैं कि एमवे की पारंपरिक जड़ी-बूटियों की रेंज तीन गुना बढ़ेगी, जो कि कुल न्यूट्रिशन रेंज में 20% का योगदान करेगी, जो 2024 तक कुल व्यवसाय का 65% होने का अनुमान है, जिसमें च्यवनप्राश के 2024 तक एनटीएचआर बिक्री के 10% तक पहुंचने की उम्मीद है।”

कंपनी ने 2018 में न्यूट्रीलाइट ट्रेडिशनल हर्ब्स रेंज (एनटीएचआर) के साथ पारंपरिक जड़ी-बूटी पोषण के क्षेत्र में प्रवेश किया। सिर्फ छह उत्पादों के साथ इस रेंज से 2020 में 100 करोड़ रुपए की आय हुई, जिससे एक बड़ी विकास क्षमता का संकेत मिलता है। बाजार की प्रवृत्ति के आधार पर कंपनी पारंपरिक जड़ी-बूटियों की श्रेणी में तेजी लाने के लिए नवाचार में अपनी ज्यादा ऊर्जा लगा रही है, जिससे न्यूट्रिशन श्रेणी के लिए और एमवे के लिए भी विकास में तेजी को सुनिश्चित किया जा सके। च्यवनप्राश बाई न्यूट्रीलाइट पारंपरिक जड़ी-बूटियों की रेंज का नया संस्करण है, जिसके इस रेंज के लिए प्रमुख विकास कारकों में से एक होने की उम्मीद है।

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