मेरठ। इस समय अंतराष्ट्रीय स्तर पर क्रूड आयल की कीमत रिकार्ड स्तर पर पहुंच चुकी है। बावजूद इसके देश में पेट्रोल और डीजल के दामों में स्थिरता बनी हुई है। तेल मंत्रालय के पेट्रोलियम योजना के आंकड़ों के अनुसार 10 जून को क्रूड ऑयल का दाम 121.28 डॉलर तक पहुंच गया। जो कि मार्च के बाद सबसे अधिक स्तर पर है। इसके पहले फरवरी और मार्च में क्रूड आयल के दामों में वृद्धि देखने को मिली थी। 25 फरवरी से 29 मार्च के बीच क्रूड आयल के दाम 111.86 डॉलर प्रति बैरल था। रुस और यूक्रेन युद्ध के बाद तेल की कीमतें तेजी से बढ़ रही हैं।
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गत 30 मार्च से 27 अप्रैल के दरमियान कच्चे तेल का दाम 103.44 डॉलर प्रति बैरल था। लेकिन अब इस बार 10 जून शुक्रवार को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल का भाव 14 सप्ताह के उच्च स्तर पर पहुंच गया। अगस्त के लिए ब्रेंट क्रूड वायदा 81 सेंट गिरावट के साथ 122.26 डॉलर प्रति बैरल कारोबार कर रहा था। कच्चे तेल के दाम 120.72 डॉलर प्रति बैरल पहुंच जाने के बाद भारत के राज्यों और महानगरों में पेट्रोल और डीजल की कीमत में स्थिरता बनी हुई हैं।
इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन, भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड लागत के अनुसार प्रतिदिन पेट्रोल डीजल की कीमतों को समायोजित करते हैं। भारत तेल की जरूरतों को पूरा करने के लिए 85 प्रतिशत आयात पर निर्भर है। इसलिए स्थानीय पेट्रोल पंप दरों को अंतरराष्ट्रीय कीमतों के खिलाफ बेंचमार्क करते हैं। कच्चे तेल में वृद्धि के बाद भी तेल कंपनियों ने रिटेल कीमतों में कोई बदलाव नहीं किया। सूत्रों की माने तो उद्योग पेट्रोल 18 रुपये प्रति लीटर और डीजल 21 रुपये प्रति लीटर नुकसान पर बेचा जा रहा है। पिछले महीने केंद्र सरकार ने पेट्रोल पर 9 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 7 रुपये की कमी की थी।