नई दिल्ली। केंद्र सरकार की ओर से कई छोटी बचत योजनाएं चलाई जा रही हैं। जैसे सुकन्या समृद्धि योजना और नेशनल सेविंग सर्टिफिकेट। इन योजनाओं पर ब्याज दर हर तिमाही आधार पर तय किए जाते हैं। जनवरी से मार्च के दौरान सरकार ने इसमें से कुछ योजनाओं के लिए ब्याज बढ़ाया गया था।
हालांकि, उस समय सार्वजनिक भविष्य निधि और बालिका बचत योजना सुकन्या समृद्धि की ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया गया था। बता दें कि इन योजनाओं की ब्याज दर में जनवरी 2019 से कोई वृद्धि नहीं की गई है। एक सरकारी अधिकारी ने संकेत दिए हैं कि इन योजनाओं में अभी उच्च रिटर्न मिलने की कोई संभावना नहीं है।
ऐसा इसलिए है क्योंकि सरकार अब श्यामला गोपीनाथ समिति के उस फॉर्मूले से पूरी तरह सहमत नहीं है, जिसे अप्रैल 2016 में अपनाया गया था। 2022-23 की तीसरी और चौथी तिमाही के लिए कुछ अन्य छोटी बचत योजनाओं पर दरों में बढ़ोतरी के बावजूद इन दोनों योजनाओं का रिटर्न स्थिर रहा। वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ने बताया कि फिलहाल हम श्यामला गोपीनाथ समिति के फॉर्मूले से असहमत हैं।
कुछ योजनाओं के ब्याज दर में इजाफा
मार्च तिमाही के लिए सरकार ने कुछ योजनाओं के ब्याज दर में इजाफा किया था। सरकार की ओर से 20 बीपीएस से लेकर 110 बीपीएस की बढ़ोतरी की गई थी। हालांकि पीपीएफ और सुकन्या समृद्धि योजना के ब्याज में इजाफा नहीं किया था। स्मॉल सेविंग स्कीम की ब्याज दरों की हर तिमाही समीक्षा होती है। इन योजनाओं की ब्याज दरें तय करने का फॉर्मूला 2016 श्यामला गोपीनाथ समिति ने दिया था। समिति ने सुझाव दिया था कि इन स्कीम की ब्याज दरें समान मैच्योरिटी वाले सरकारी बांड के यील्ड से 0.25.यानी ्र1.00 प्रतिशत ज्यादा होनी चाहिए। अभी सरकारी बांड यील्ड की ब्याज दरें 7.5 प्रतिशत के करीब हैं। इसके बावजूद स्मॉल सेविंग्स स्कीम की ब्याज दरों में बढ़ोतरी नहीं की गई है।
सुकन्या समृद्धि योजना में निवेश करने पर ब्याज 7.60 प्रतिशत।
पब्लिक प्रोविडेंट फंड यानी पर 7.1 प्रतिशत।
नेशनल सेविंग्स सर्टिफिकेट पर 7 प्रतिशत।
किसान विकास पत्र में निवेश करने पर 7.2 प्रतिशत का ब्याज दिया जा रहा है।
वहीं सीनियर सिटीजन सेविंग्स स्कीम में 8 प्रतिशत का ब्याज मिल रहा है।