वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को आम बजट पेश करने जा रही हैं, हर क्षेत्र की तरह मोदी 3.0 के पहले बजट से स्वास्थ्य क्षेत्र को भी काफी उम्मीदें हैं। ये उम्मीदें इसलिए भी बढ़ी हैं क्योंकि नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल ने कहा कि देश की सबसे बड़ी डिजिटल स्वास्थ्य योजना के लिए रिपोर्ट जारी की गई है। इसे डिजिटल हेल्थकेयर और कॉरपोरेट वेलनेस की दिशा में एक अहम कदम माना जा रहा है। डॉ. पॉल ने कहा कि भारत स्वास्थ्य क्षेत्र में लगातार आगे बढ़ रहा है। इसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल किया जा रहा है।
23 जुलाई को पेश किये जाने वाले बजट के बारे में डॉ. वीके पॉल ने कहा, स्वास्थ्य क्षेत्र को इस बजट से काफी उम्मीदें हैं। वहीँ स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के डॉ. अपूर्व चंद्रा ने कहा कि हम देश में एआई का काफी इस्तेमाल कर सकते हैं। स्वास्थ्य क्षेत्र एक ऐसा क्षेत्र है, जिसमें आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का सबसे ज्यादा इस्तेमाल किया जा सकता है। इसका इस्तेमाल तमाम तरह की जांच और सूचनाओं में किया जा सकता है।” बजट के बारे में उन्होंने कहा, “हमें उम्मीद है कि इस बार स्वास्थ्य क्षेत्र में कई प्रावधान किए जाएंगे। स्वास्थ्य क्षेत्र के लिए बजट आवंटन में वृद्धि की पूरी संभावना है। हमें उम्मीद है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन, राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण और एम्स अस्पताल के लिए पर्याप्त बजट रखा गया है।”
अंतरिम बजट में कई महत्वपूर्ण स्वास्थ्य सेवा उपाय भी पेश किए गए। 15 वर्ष से अधिक उम्र की लड़कियों के लिए सर्वाइकल कैंसर के टीकाकरण को बढ़ावा देने के लिए एक नई पहल की गई। टीकाकरण प्रबंधन को बढ़ाने और ‘मिशन इंद्रधनुष’ का समर्थन करने के लिए असंगठित श्रमिक पहचान संख्या (यू-विन) प्लेटफॉर्म पेश किया गया।