मायावती ने 2019 के लोकसभा चुनाव के बाद गठबंधन तोड़ने के अखिलेश यादव के बयान पर पलटवार करते हुए कहा कि बसपा वैचारिक कारणों से गठबंधन नहीं करती है और अगर वह बड़े उद्देश्यों के लिए करती है, तो वह निश्चित रूप से उनके प्रति वफादार रहती है।
बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो ने यह टिप्पणी समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष के उस बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए की जिसमें उन्होंने कहा था कि मायावती अपनी कमियों को छिपाने के लिए गठबंधन तोड़ने के लिए सपा को दोषी ठहरा रही हैं।
गुरुवार को मीडियाकर्मियों से बात करते हुए अखिलेश यादव ने कहा था कि जब गठबंधन टूटा, तब मैं आजमगढ़ में था। मंच पर बसपा के नेता थे। मैंने उनसे पूछा कि उन्होंने गठबंधन क्यों तोड़ा। लेकिन अब वह अपनी कमियों को छिपाने के लिए आरोप लगा रही हैं।”
शुक्रवार को सोशल मीडिया पर बयान के जरिए अपने खिलाफ लगाए गए आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए मायावती ने कहा, “लोकसभा चुनाव-2019 में यूपी में बीएसपी के 10 और एसपी के 5 सीटें जीतने के बाद गठबंधन टूटने के बारे में मैंने सार्वजनिक रूप से कहा था कि एसपी प्रमुख ने मेरे फोन (कॉल) का जवाब देना बंद कर दिया था, जिसके बारे में उन्होंने इतने सालों बाद अब सफाई दी है।
पिछले कुछ महीनों से दोनों नेताओं के बीच बयानबाज़ी का दौर चल रहा. बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती अपने और पार्टी के वजूद को बचाने के लिए जीतोड़ मेहनत कर रही हैं. इसी कड़ी में बसपा पहली बार उपचुनाव में बड़ी शिद्दत से अपनी मौजूदगी दर्ज कराने की तैयारी कर रही है.