भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच पांच मैचों की श्रंखला के चौथे टेस्ट मैच जो मेलबोर्न में आज से शुरू हुआ, पहले दिन मेज़बान देश ने 6 विकेट खोकर 311 रन बनाकर एक अच्छी पोजीशन हासिल कर ली है. उसके लिए अच्छी बात ये है कि क्रीज़ पर पिछले मैच के शतकवीर स्टीव स्मिथ 68 रन बनाकर अभी भी मौजूद हैं, उनके साथ पैट कमिंस 8 बनाकर खेल रहे हैं। बुमराह एकबार फिर शानदार गेंदबाज़ी लय में नज़र आये और गिरने वाले 6 में से तीन विकेट अपने नाम किये।
बॉक्सिंग डे टेस्ट में टॉस जीतकर ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाज़ी करने का फैसला किया और पैट कमिंस का ये फैसला सही साबित हुआ. उस्मान ख्वाजा के साथ इसबार 19 साल के युवा सैम कॉन्सटांस पारी शुरू करने आये. कोंस्टॉस का ये पदार्पण टेस्ट था और अपने पहले ही मौके पर उन्होंने उस समय दमदार मौजूदगी दर्ज कराई जब दुनिया के सबसे खतरनाक तेज़ गेंदबाज़ जसप्रीत बुमराह के एक ओवर उन्होंने 18 रन ठोंक दिए वह भी लैप शॉट खेलकर। श्रंखला में ऑस्ट्रेलिया की तरफ से पहली बार सलामी बल्लेबाज़ों ने एक अच्छी साझेदारी निभाई जिसमें कोंस्टॉस का बड़ा हाथ रहा. 89 के स्कोर पर कोंस्टॉस 65 गेंदों पर 60 रनों की शानदार पहली इनिंग खेलकर जडेजा की गेंद पर आउट हुए.
इसके बाद उस्मान ख्वाजा और मारनेस लाबुषाने स्कोर को 154 तक ले गए. इस स्कोर पर ख्वाजा बुमराह का पहला शिकार बने. ख्वाजा 57 रन बनाकर आउट हुए. इसके बाद टीम इंडिया ने वापसी की और 9 रनों के अंदर ऑस्ट्रेलिया के तीन विकेट चटकाकर स्कोर पांच विकेट पर 246 कर दिया। ये वापसी भी बुमराह की वजह से हुई . पहले लाबुषाने को वाशिंगटन सूंदर ने 72 के व्यक्तिगत स्कोर पर आउट किया, इसके बाद बुमराह में भारत के लिए सिरदर्द बने ट्रेविस हेड को शून्य पर चलता किया और फिर मिचेल मार्श को भी पवेलियन का रास्ता दिखाया। स्मिथ और एलेक्स कैरी स्कोर को 299 रनों तक ले गए. इसी स्कोर पर आकाशदीप ने कैरी को चलता कर टीम के लिए छठा विकेट हासिल किया।
मैच का विश्लेषण किया जाय तो जहाँ पहला सेशन ऑस्ट्रेलिया के फेवर में रहा वहीँ दूसरा सेशन बराबरी का रहा जबकि तीसरे सेशन भारतीय गेंदबाज़ों का बोलबाला रहा. बता दें कि विश्व टेस्ट चैंपियनशिप के फाइनल में पहुंचने के लिए इस टेस्ट में भारत को जीत हासिल करना बहुत ज़रूरी है.