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इस बार गेंदबाज़ी की हुई परीक्षा

आर्टिकल/इंटरव्यूइस बार गेंदबाज़ी की हुई परीक्षा

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अमित बिश्‍नोई

बारिश ने भारत के दूसरे मैच में भी बाधा डाली, गनीमत ये रहा मैच में नतीजा लाने तक का खेल संभव हो सका. नतीजा भी उम्मीद के मुताबिक ही आया, भारत को 10 विकेट से बड़ी कामयाबी मिली। हम इस बड़ी जीत से खुश हो सकते हैं, होना भी चाहिए लेकिन सच तो यह है सवाल तो ये मैच भी कई छोड़ गया. पहले मैच में जहाँ बल्लेबाज़ी को लेकर सवाल उठे वहीँ इस मैच में गेंदबाज़ी को लेकर। माना जा रहा था कि 10 सितम्बर को पाकिस्तान के खिलाफ एशिया कप में दोबारा भिड़ने से पहले भारतीय गेंदबाज़ी का पूरा दमखम नज़र आएगा। मुझे तो नज़र नहीं आया, क्या आपको नज़र आया? चलिए बात को आगे बढ़ाते हैं।

रोहित शर्मा ने मैच में टॉस जीतकर गेंदबाज़ी का फैसला इसलिए नहीं किया कि मैच के दूसरे भाग में ज़्यादा बारिश होने की सम्भावना थी और मैच DLS पर जा सकता था, रोहित शर्मा अपनी गेंदबाज़ी को परखना चाह रहे थे जोकि एक सही फैसला था मगर अपने इस फैसले से उन्हें निराशा हुई और ये उनके चेहरे से नेपाल की पूरी के दौरान साफ़ नज़र आ रहा था. यही नहीं, इतना औसत दर्जे का क्षेत्ररक्षण भारतीय टीम द्वारा किया गया कि हर कोई हैरान था. पहले पांच ओवरों में तो ऐसा लग रहा था जैसे नेपाल के सामने कोई एसोसिएट देश की टीम का मैच चल रहा हो. पांच ओवरों में तीन लॉलीपॉप कैच का श्रेयस, कोहली और विकेटकीपर ईशान किशन द्वारा टपकाना। ऐसा लग रहा था मानो टीम इंडियन टीम नींद से उठकर सीधे मैदान में आ गयी हो. इतनी घटिया फील्डिंग की कल्पना कम से कम भारतीय फील्डरों से तो कोई भी नहीं कर सकता। भारत के खिलाफ पाकिस्तान टीम ने जितनी घटिया फील्डिंग की थी, कमोबेश ये फील्डिंग भी उसी स्तर की थी, कप्तान रोहित शर्मा की झल्लाहट और गुस्सा इस बात की गवाही दे रहा था कि वो कितना अपसेट हैं।

बात अब गेंदबाज़ी कि तो बुमराह के घर खुशी आने के कारण वो इस मैच में नहीं खेल सके जबकि सबको इंतज़ार उनकी ही गेंदबाज़ी का था. टीम मैनेजमेंट और क्रिकेट फैंस दोनों ही बुमराह के 10 ओवर की गेंदबाज़ी देखना चाह रहे थे. अब उसके लिए 10 सितम्बर का इंतज़ार करना पड़ेगा लेकिन जब हम बात दूसरे गेंदबाज़ों की करें तो स्पष्ट तौर पर कहा जा सकता है कि अपेक्षा पर खरी नहीं उतरी। वो टीम जो पाकिस्तान के खिलाफ 25 ओवर भी नहीं टिक सकी उसने इस भारतीय आक्रमण के सामने लगभग पूरे पचास ओवर खेल डाले। वो टीम जो पाकिस्तानी आक्रमण के सामने सिर्फ 104 रनों पर ढेर हो गयी उसने भारतीय अटैक का कड़ा इम्तेहान लिया और 230 रनों का स्कोर खड़ा कर दिया। इन बातों पर अगर गौर करें तो गेंदबाज़ी सवालों के घेरे में तो आती ही है. सिराज और शार्दुल ने 6 से ज़्यादा प्रति ओवर रन लुटाये, कुलदीप विकेटलेस रहे. वैसे तो गेंदबाज़ी आंकड़े बुरे नहीं दिखते लेकिन जब उसे आप नेपाल की टीम को सामने रखकर देखते हैं तो बहुत बुरे देखते हैं, खासकर तब जब आप नेपाल-पाकिस्तान के मैच से इस मैच की तुलना करते हैं। आशा की जानी चाहिए कि ये सिर्फ एक मैच की ही बात है जो आगे नहीं बढ़ेगी।

रोहित शर्मा और शुभमन गिल का रन बनाना एक अच्छा संकेत है, पाकिस्तान के खिलाफ मैच से पहले ये पारियां दोनों ही बल्लेबाज़ों का हौसला ज़रूर बढ़ाएंगी। स्कोर इतना नहीं था कि श्रेयस अय्यर को भी मौका मिलता। मैच पूरा खेला जाता तो शायद उन्हें मौका मिल सकता था. नेपाल की अगर बात न करें तो यह उनके साथ नाइंसाफी होगी। नेपाल अपने प्रदर्शन से काफी खुश होगा। पाकिस्तान के खिलाफ मैच से उसने काफी कुछ सीखा जो इस मैच में नज़र भी आया. नेपाल के बल्लेबाज़ों में आसिफ शेख (५८) और सोमपाल कामी (४८) ने काफी प्रभावित किया। नेपाल की टीम ने दिखाया कि उनमें जल्द सीखने की सलाहियत है जोकि किसी भी नए क्रिकेटिंग नेशन के लिए अच्छी बात है. उनके प्रदर्शन से लगता है जल्दी ही उनकी टीम एशियन क्रिकेट में एक मज़बूत पहचान बनाएगी । टीम बहुत युवा है, थोड़ा अनुभव आने से इसमें और निखार आएगा. बहरहाल इंतज़ार अब 10 मार्च का जब दो चिर प्रतिद्वंदी एकबार फिर आमने सामने होंगे , यह मुकाबला वैसे तो कोलम्बो में होना था लेकिन कोलंबो के मौसम को देखते इस बात की पूरी सम्भावना है कि यहाँ के मैच कहीं और शिफ्ट किये जांय। मैच कहीं भी हों बस फैंस यही चाहते हैं कि मैच पूरा देखने को मिले क्योंकि ऐसे मौके बहुत कम मिलते हैं.

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