भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी की शुरुआत नागपुर से होने वाली है. दोनों टीमों ने ज़बरदस्त तैयारी शुरू कर दी है. दोनों ही टीमों ने एक दुसरे की कमज़ोरियों की पहचान कर उसपर काम करना शुरू कर दिया है. भारतीय बल्लेबाज़ जहाँ रिवर्स स्विंग पर ज़्यादा ध्यान दे रहे हैं वहीँ ऑस्ट्रेलियाई बल्लेबाज़ स्पिन को खेलने के लिए अपना ध्यान केंद्रित किये हुए हैं. ऑस्ट्रेलिया के कप्तान पैट कमिंस आज बंगलूरू में प्रेस कांफ्रेंस के दौरान मीडिया से रूबरू हुए लेकिन इस दौरान तमाम सवालों के बावजूद उन्होंने अपने टीम कॉम्बिनेशन पर पत्ते नहीं खोले।
ऑस्ट्रेलियाई अटैक पर पहेली बरक़रार
हालाँकि उनके बल्लेबाज़ अभी स्पिन गेंदबाज़ी को ज़्यादा तवज्जो दे रहे हैं लेकिन उन्हें भारतीय तेज़ गेंदबाज़ों की सलाहियतों के बारे में मालूम है. मोहम्मद शामी हों, सिराज हो, उमेश हो या फिर बांये हाथ के जयदेव उनादकट हों. सबमें रिवर्स स्विंग कराने की कला है. ऑस्ट्रेलिया की टीम बैटिंग कॉम्बिनेशन क्या होगा यह तो सबको पता है, वहां पर ज़्यादा confusion नहीं बस टीम को ज़्यादा बैलेंस बनाने के लिए ग्रीन को टीम का हिस्सा बनाया जा सकता है. लेकिन ऑस्ट्रेलिया का गेंदबाज़ी अटैक क्या हो सकता है यह अभी एक पहेली है.
गेंदबाज़ी पर कंगारू कप्तान ने पत्ते नहीं खोले
हालाँकि पैट कमिंस ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में जता दिया कि स्पिन के क्षेत्र में उनके पास विविधता है, उनके पास फिंगर स्पिनर भी हैं और कलाई के स्पिनर भी हैं. कमिंस ने साफ़ तौर पर कहा कि टीम में 20 विकेट लेने वाले गेंदबाज़ ही शामिल किये जायेंगे लेकिन ऐसे गेंदबाज़ों को हम कैसे बांटते हैं यह अभी हम स्पष्ट नहीं कर सकते, इसका फैसला नागपुर पहुँचने और वहां की पिच देखने के बाद ही किया जा सकता है. कमिंस ने कहा कि उन्हें मालूम है कि भारत के पास बहुत अच्छे स्पिनर्स हैं और उनका ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ रिकॉर्ड भी काफी अच्छा है लेकिन हमारे पास भी अच्छे स्पिनर्स मौजूद हैं जो भारत की पिचों पर खुद को साबित करने के लिए बेकरार हैं. हालाँकि भारत में जब बाहरी टीमें आती हैं तब सिर्फ स्पिनरों की बात होती है लेकिन हमें तेज़ गेंदबाज़ों को नहीं भूलना चाहिए.