कई मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता सुनील जाखड़ ने पार्टी की पंजाब इकाई के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की पेशकश की है हालांकि इस घटनाक्रम की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है। जाखड़ ने इस मुद्दे पर चुप्पी बनाए रखी है। उनके एक्स अकाउंट के बायो में अभी भी राज्य अध्यक्ष @बीजेपी4पंजाब’ लिखा हुआ है. वहीँ उनके निजी सहायक संजीव त्रिका ने इस तरह के किसी भी घटनाक्रम से इनकार किया है।
जाखड़ के इस्तीफे की चर्चा राज्य में 15 अक्टूबर को होने वाले पंचायत चुनावों से ठीक पहले हुई है। जाखड़ पार्टी की किसी भी बैठक में शामिल नहीं हुए हैं, जिसमें आगामी चुनावों के लिए पार्टी की रणनीति को अंतिम रूप देने वाली बैठक भी शामिल है। उन्होंने अपनी आखिरी सार्वजनिक उपस्थिति चंडीगढ़ में 3 सितंबर को पार्टी की सदस्यता अभियान की शुरुआत के अवसर पर आयोजित बीजेपी की राज्य बैठक में दिखाई थी।
हालांकि, भाजपा नेतृत्व के सूत्रों ने पुष्टि की है कि जाखड़ ने पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर काम करने की अनिच्छा जाहिर की है और कहा है कि वह राज्य में स्वतंत्र रूप से काम करने में असमर्थ हैं। मई 2022 में इस्तीफा देने से पहले जाखड़ कांग्रेस की राज्य इकाई के अध्यक्ष रह चुके हैं। वह उसी महीने भाजपा में शामिल हुए और 4 जुलाई 2022 को उन्हें भाजपा का पंजाब अध्यक्ष नियुक्त किया गया।
जाखड़ के इस्तीफे की पेशकश भाजपा के भीतर कांग्रेस से नेताओं के राज्य में आने के विरोध से भी उपजी हो सकती है। जाखड़ समेत इन कांग्रेस नेताओं को भाजपा में अहम पद दिए गए हैं, जिससे पार्टी की राज्य इकाई के कई गुट नाराज हैं।
इस बीच, भाजपा के प्रदेश महासचिव अनिल सरीन ने इस्तीफे की खबरों को निराधार बताया। उन्होंने कहा कि जाखड़ गुरुवार की अहम बैठक में शामिल नहीं हुए क्योंकि ऐसा करना उनके लिए अनिवार्य नहीं था। सरीन ने जाखड़ और पार्टी के अन्य सदस्यों के बीच मतभेद की खबरों को भी नकार दिया।