दिल्ली में चुनाव जीतने के लिए भाजपा ने दिल्ली वासियों से बहुत से चुनावी वादे किये हैं , जिन्हें प्रधानमंत्री मोदी रेवड़ी कहते हैं. हालाँकि वो इन मुफ्त वाले एलानों को रेवड़ी तब कहते हैं जब विपक्ष इस तरह के एलान करता है, प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा जब इस तरह के एलान करते हैं तो उसे विकास कहा जाता है. खैर भाजपा दिल्ली में चुनाव जीत गयी है और कुछ ही दिनों में मुख्यमंत्री का नाम भी सामने आ जायेगा और शपत ग्रहण के सरकार सरकार वजूद में आ जाएगी और काम करने लगेगी। इसी के साथ उसे अपने चुनावी वादे भी पूरे करने हैं, विशेषकर महिलाओं को हर महीने 2500 रूपये महीने देने का वादा.
एक विश्लेषण में पाया गया है कि दिल्ली में आने वाली भाजपा सरकार को अपने मुफ्त बांटने के वादों को पूरा करने के लिए 13,000 करोड़ रुपये से अधिक की राशि की आवश्यकता होगी। 13,000 करोड़ रुपये, बिजली और अन्य कल्याणकारी कार्यक्रमों पर सरकार द्वारा खर्च किए जाने वाले 11,000 करोड़ रुपये से अलग हैं, जिन्हें भाजपा ने जारी रखने का वादा किया है, जो केजरीवाल की सरकार की योजना का हिस्सा हैं । भाजपा के वादों के साथ सब्सिडी बिल शहर के बजट का लगभग 30 प्रतिशत हो जाएगा।
इस राशि का बड़ा हिस्सा निम्न आय वाले परिवारों की महिलाओं को 2,500 रुपये मासिक हस्तांतरण का वादा करने वाली योजना में जाएगा। दिल्ली में 3.8 मिलियन महिलाओं को लाभ के लिए पात्र होने के कारण, इस योजना से सरकारी खजाने पर 11,400 करोड़ रुपये का बोझ पड़ सकता है। बता दें कि चुनाव से पहले सभी पार्टियों ने निम्न आय वर्ग के परिवारों की महिलाओं को नकद हस्तांतरण की गारंटी दी थी लेकिन महिलाओं ने मोदी की गारंटी पर भरोसा किया। पार्टी ने प्रत्येक गर्भवती महिला को 21,000 रुपये देने का वादा किया है, जिससे उसके बिल में कुछ सौ करोड़ रुपये और जुड़ गए हैं। इसने 60 से 70 वर्ष की आयु के लोगों के लिए पेंशन को 2,000 रुपये से बढ़ाकर 2,500 रुपये प्रति माह करने का भी वादा किया है। 70 वर्ष से अधिक आयु वालों को अतिरिक्त 500 रुपये प्रति माह मिलेंगे।