उत्तराखंड में रविवार को हुए शहरी स्थानीय निकाय चुनावों में भाजपा ने 11 में से 10 मेयर सीटें जीतकर नगर परिषदों और नगर पंचायतों में प्रमुख पार्टी बनकर उभरी। राज्य चुनाव आयुक्त सुशील कुमार के मुताबिक भाजपा ने 10 मेयर सीटें जीतीं, जबकि एक निर्दलीय उम्मीदवार ने शेष सीट जीती।
11 नगर निगमों, 43 नगर परिषदों और 46 नगर पंचायतों के लिए 65.4 प्रतिशत मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। कुल 5,405 उम्मीदवार मैदान में थे, जिनमें 11 मेयर पदों के लिए 72, नगर परिषद अध्यक्ष के लिए 445 और नगर पार्षदों और सदस्यों के लिए 4,888 उम्मीदवार शामिल थे।
भाजपा द्वारा जीती गई महापौर सीटों में देहरादून (सौरभ थपलियाल), ऋषिकेश (शंभू पासवान), काशीपुर (दीपक बाली), हरिद्वार (किरण जैसदल), रुड़की (अनीता देवी), कोटद्वार (शैलेंद्र रावत), रुद्रपुर (विकास शर्मा), अल्मोड़ा (अजय वर्मा), पिथौरागढ़ (कल्पना देवलाल) और हल्द्वानी (गजराज बिष्ट) शामिल हैं।
कुमार ने बताया कि पौड़ी जिले में श्रीनगर महापौर सीट पर निर्दलीय उम्मीदवार आरती भंडारी ने जीत दर्ज की। 2018 में हुए पिछले शहरी स्थानीय निकाय चुनावों में दो महापौर सीटें जीतने वाली कांग्रेस इस बार एक भी सीट नहीं जीत पाई। नगर परिषदों में भी वह भाजपा और निर्दलीय उम्मीदवारों के बाद तीसरे स्थान पर रही।
शहरी स्थानीय निकाय चुनावों से पहले भाजपा ने राज्य में विकास की गति को “निर्बाध” बनाए रखने के लिए ट्रिपल इंजन वाली सरकार के नाम पर वोट मांगे थे। नतीजों में भाजपा की जीत के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने विजयी पार्टी प्रत्याशियों को बधाई दी और उनसे अपने-अपने क्षेत्रों में विकास कार्यों में तेजी लाने को कहा।
भाजपा के सभी विजयी प्रत्याशियों को हार्दिक बधाई। जनता ने योग्य जनप्रतिनिधियों को चुना है। अब सभी निर्वाचित प्रतिनिधियों का काम है कि वे अपने-अपने क्षेत्रों में विकास को गति दें और व्यवस्था को मजबूत करें।