नई दिल्ली। शेयर बाजार इस साल भले निवेशकों को झटका दे रहा है। लेकिन इसके ठीक उलट सोने में निवेश से बेहतर रिटर्न मिल सकता है। विश्लेषकों की मानें तो वैश्विक स्तर पर जो हालात हैं, उससे यह साल सोने के लिए बेहतर होने के संकेत हैं।
इक्विटी बाजार ऊपर की ओर होता है तो उस समय सोने उसके विपरीत होती है। लेकिन शेयर बाजार में जब गिरावट होती है तो सोना ऊपर जाता है। साल 2023 कुछ ऐसा रहने वाला है। अभी तक करीब तीन महीने के जो नतीजे दिखाई दे रहे हैं। वह इसी तरह का संकेत बया कर रहे हैं। सोने की कीमतें बढ़ाने में एक सबसे बड़ा कारण संकट होता है। यह संकट साल 2020 से लगातार है।
हालांकि, इसके स्वरूप बदलते रहे हैं। साल 2020 से लेकर अब तक के तीन सालों में देखें तो कोरोना महामारी, रूस-यूक्रेन युद्ध, बढ़ती ब्याज दरें, महंगाई और अब बैंकिंग संकट के चलते सोने की कीमत बढ़ रही हैं। 2020 में सोने प्रति दस ग्राम कीमत 48,000 रुपए थी, जो 2021 में 49,000, 2022 में 52,000 और इस साल 58,000 को पार कर गई। यानी इन तीन सालों में सोने के दाम में जबरदस्त तेजी आई है।
2008 में लेहमन ब्रदर्स के दिवालिया होने के बाद अमेरिका में दर्जनों बैंक डूबे थे। उस समय भी सोने की कीमतें 30 प्रतिशत ऊपर चली गई थीं। 2008 में सोने दाम प्रति दस ग्राम 12,500 रुपये था जो 2009 में 15,000 और 2018 में 32,000 रुपये को पार कर गया था।