Bank Locker Rules: अगर बैंक ल़ॉकर का उपयोग करते हैं तो नए नियम को जान लेना जरूरी है। आरबीआई ने बैंक लॉकर से जुड़े नियम अब पूरी तरह से बदल दिए हैं। हालांकि बैंक लॉकर ग्राहकों को इन नियमों के तहत आवेदन करने की समय सीमा 31 दिसंबर, 2023 तक बढ़ा दी गई है। इन नियमों और बदलाव के बारे में जानना जरूरी है।
आरबीआई ने बैंक लॉकर एग्रीमेंट साइन करने की अंतिम तारीख पहले 1 जनवरी 2023 तय की थी। लेकिन अब इसको बढ़ाकर 31 दिसंबर 2023 कर दिया है। यह प्रक्रिया अब चरणबद्ध तरीके से पूरी हो रही है। आरबीआई ने बैंक लॉकर के 50 फीसद नए एग्रीमेंट 30 जून, 75 फीसद 30 सितंबर और 100 फीसदी 31 दिसंबर 2023 तक साइन करवाने का लक्ष्य रखा है। नए बैंक लॉकर ग्राहकों के लिए बदले हुए नियम 1 जनवरी 2022 से लागू हो गए हैं। पुराने ग्राहकों के लिए बैंक लॉकर नए एग्रीमेंट साइन करने की अंतिम तिथि 31 दिसंबर 2023 की गई है।
एग्रीमेंट में देनी होगी लॉकर में रखे जाने वाले सामान की जानकारी
बैंक लॉकर के नए नियमों के अनुसार बैंक और ग्राहकों को नए एग्रीमेंट में उल्लेख करना होगा कि वहां किस तरह का सामान लॉकर में रख रहा है। किस तरह का नहीं। इसके साथ कीमती वस्तुओं को रखने के लिए बैंक लॉकर की सुविधा लेने वाले लोगों से बैंक नए प्रकार के चार्ज वसूलेगा। बैंक लॉकर के इन नए नियम को ग्राहकों के साथ एग्रीमेंट में लाने के लिए बैंक ने कई प्रकार के स्टांप शुल्क वसूलने शुरू किए हैं। इसी के साथ फाइन चार्ज के नाम पर लॉकर ग्राहकों की जेब ढीली कर रहे हैं। बैंकों के साथ लॉकर रखने के लिए होने वाले नया एग्रीमेंट अब स्टांप पेपर पर ही साइन होंगे। इसका खर्च पुराने ग्राहकों को नहीं उठाना है। उनको बैंक इसे Free में उपलब्ध कराएंगे। नए एग्रीमेंट को लेकर RBI ने बदलाव किए हैं। ये LOCKER रखने वाले Customer की सुरक्षा करता है।
गायब सामग्री की रिकवरी
पुराने बैंक लॉकर नियम के अनुसार होने वाले एग्रीमेंट में लॉकर से गायब हुए सामान या किसी आपात स्थिति में लॉकर के अंदर उपलब्ध चीजें बर्बाद होने के बाद ग्राहकों को किसी प्रकार की रिकवरी नहीं मिलती थी। पंजाब नेशनल बैंक तथा भारतीय स्टेट बैंक सहित अन्य सरकारी बैंक नए एग्रीमेंट के लिए ग्राहकों से केवल केवाईसी से जुड़े कागजात ले रहे हैं। जिसमें पैन कार्ड, आधार कार्ड और फोटो हैं। एग्रीमेंट पर फ्री में सरकारी बैंक साइन करा रहे हैं। इसके बदौलत वह किसी प्रकार का शुल्क अपने ग्राहकों से नहीं वसूल रहे।