समाजवादी पार्टी के कद्दावर नेता आजम खान लगातार मुश्किलों में फंसे हैं, रामपुर में जहाँ उनकी सियासी ज़मीन को बहुत बड़ा नुक्सान हुआ है वहीँ अदालत में चल रहे दर्जनों मामले भी उन्हें लगातार परेशान किये हुए हैं. इन सारे मामलों को उत्तर प्रदेश से बाहर शिफ्ट कराने को लेकर वो देश की सर्वोच्च अदालत पहुंचे थे लेकिन वहां से भी उन्हें निराशा ही हाथ लगी है. बता दें कि आज़म खान के खिलाफ यूपी की अदालतों में 87 मुक़दमे चल रहे हैं, अभी वो ज़मानत पर जेल से बाहर हैं.
यूपी से बाहर केस ट्रांसफर करवाने गए थे
दरअसल फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाने के मामले में उनके बेटे अब्दुला आज़म पर चल रहे केस को उत्तर प्रदेश से बाहर ट्रांसफर करने वाली उनकी याचिका को यह कहकर खारिज कर दिया है कि इसके लिए वो हाईकोर्ट जाएँ, वहां उनकी बात सुनी जाएगी, बल्कि इलाहबाद हाई कोर्ट को भी कहा कि कि वो इस तरह के मामलों में तेज़ी से सुनवाई करे. सुप्रीम कोर्ट ने केसों के ट्रायल को यूपी से बाहर ट्रांसफर करने की याचिका पर सुनवाई से साफ़ इनकार करते हुए कहा कि वो हाईकोर्ट जाकर केस को रद्द करने की मांग कर सकते हैं.
हाईकोर्ट जाने की सलाह
शीर्ष अदालत में आजम खान की तरफ से पेश उनके वकील कपिल सिब्बल ने कहा उनके मुवक्किल के खिलाफ उत्तर प्रदेश में जितने और जिस तरह के मुकदमे दर्ज किये गए हैं उससे ऐसा लगता है कि उन्हें न्याय नहीं मिलेगा. कपिल सिब्बल ने अदालत को बताया कि आज़म खान के खिलाफ खिलाफ 87 मामले दर्ज किए गए हैं. हमें यूपी में न्याय मिलने की उम्मीद नहीं है और इसलिए हम आपके पास फ़रियाद लेकर आये हैं. कपिल सिब्बल के इस तर्क पर CJI डीवाई चंद्रचूड़ की बेंच ने कहा कि ऐसा नहीं है. अदालत ने कहा कि आप केसों को ट्रांसफर करने के लिए ठोस आधार नहीं दे पाए हैं. आप हाईकोर्ट जाकर अपील कर सकते हैं, ऐसा नहीं कि आपकी वहां पर सुनवाई नहीं होगी या आपको इन्साफ नहीं मिलेगा।