भड़काऊ भाषण मामले में तीन साल की सजा मिलने के बाद अब समाजवादी पार्टी के रामपुर के विधायक आज़म खान को विधायकी से भी हाथ धोना पड़ा है. विधानसभा अध्यक्ष सतीश महाना ने न्यायालय के आदेश मिलने के बाद आजम खान की सदस्यता रद्द करते हुए रामपुर विधानसभा सीट को रिक्त कर दिया गया है और सूचना चुनाव आयोग को जानकारी भेज दी गई है. अब जल्दी ही रामपुर विधानसभा सीट पर उपचुनाव होगा।
बता दें कि गुरुवार को ही हेट स्पीच मामले में आजम खान को एमपी-एमएलए कोर्ट ने तीन साल की सजा सुनाई थी. आज़म की विधायकी जाने का अनुमान तो पहले ही लोग रहे थे क्योंकि उन्हें दो साल से ज्यादा की सजा सुनाई गई थी और किसी विधायक को दो साल से ज़्यादा की सजा मिलने पर अपनी सदस्यता को खोना पड़ता है. दरअसल 2019 के लोकसभा चुनाव में कथित रूप से आजम खान ने रामपुर की मिलक विधानसभा में एक चुनावी भाषण के दौरान डीएम से जूते साफ़ कराने की बात कही थी, साथ ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री मोदी को भी अपशब्द कहे थे. उनके खिलाफ भाजपा नेता आकाश सक्सेना ने भड़काऊ भाषण का मामला दर्ज कराया था.
अब रामपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट 27 अक्टूबर को इस मामले में अपना फैसला सुनाते हुए आजम खान को दोषी करार देते हुए तीन वर्ष के कारावास की सजा सुनाई है. आज़म की विधायकी जाने का मतलब अब वो 6 वर्षों तक कोई भी चुनाव नहीं लड़ सकते, लेकिन सजा की अवधि मिलाने के बाद यह अवधि 9 वर्ष की बनती है क्योंकि साल 2002 में जन प्रतिनिधित्व अधिनियम में किए गए संशोधन के मुताबिक सजा की अवधि पूरी होने के बाद से यह पाबन्दी लागू होती है.