depo 25 bonus 25 to 5x Daftar SBOBET

हर मौसम में जन्नत का एहसास कराता उत्तराखंड का Auli Bugyal

ट्रेवलहर मौसम में जन्नत का एहसास कराता उत्तराखंड का Auli Bugyal

Date:

चमोली – उत्तराखंड में प्राकृतिक सौंदर्य और धार्मिक महत्व के अलावा पहाड़ों पर घास के मैदान भी आपके मन को भा सकते हैं. उत्तराखंड मैं घास के इन मैदानों को बुग्याल कहा जाता है. सामान्य दिनों में हरी घास की मखमली चादर से ढके बुग्याल यहां आने वाले सैलानियों को आंखों को सुकून देती है. तो वही शरद ऋतु में यह बुग्याल बर्फ की सफेद चादर ओढ़ कर आदमी को रोमांचित कर देता है.

ऐसे पहुंचे औली बुग्याल (Auli Bugyal)

आज हम आपको चमोली के औली बुग्याल के बारे में बताते हैं. चमोली के देवाल ब्लाक में स्थित औली बुग्याल (Auli Bugyal) तक पहुँचने के लिए कर्णप्रयाग से लगभग 100 किमी गाडी मे जाना पड़ता है. कर्णप्रयाग से नारायणबगड़, थराली, देवाल, मुन्दोली होते हुए अंतिम गांव वाण गाडी से पहुंचा जाता है. वहीं दूसरी ओर काठगोदाम रेलवे स्टेशन से देवाल – वाण तक गाडी से पहुंचा जा सकता है. जबकि वाण गाँव से तक का 13 किमी का सफर पैदल ही तय करना पड़ता है.

जन्नत का एहसास कराता औली बुग्याल (Auli Bugyal)

पहाड़ों में जहाँ पेड़ समाप्त होने लगतें हैं यानी की टिम्बर रेखा वहां से हरे भरे मखमली घास के मैदान शुरू हो जाते हैं. औली बुग्याल (Auli Bugyal) के लिए नील गंगा, गैरोली पाताल, डोलियाधर होते हुए बांज, बुरांस, कैल के घने जंगलों, नदी, पशु, पक्षियों के कलरव ध्वनियों के बीच करीब 13 किमी पैदल चलने के बाद आपको औली और बेदनी के मखमली बुग्याल के दीदार होंगे. बेदनी से ही सटा हुआ है औली बुग्याल जो ५ किमी से भी अधिक क्षेत्रफल में फैला हुआ है. यहाँ से सूर्योदय और सूर्यास्त देखना किसी रोमांच से कम नहीं है.

आपको यहाँ से दिखाई देने वाले त्रिशूल और नंदा देवी सहित अन्य पर्वत श्रीखलाओं का दृश्य रोमांचित कर देगा. वहीं हरी मखमली घास, ओंस की बुँदे, धूप के साथ बादलों की लुकाछिपी आपको यहाँ किसी जन्नत से कम नहीं लगेगा. दिसम्बर से मार्च तक यहां बिछी बर्फ की सफेद चादर स्कीइंग के लिए सबसे बेहतर विकल्प है.

Share post:

Subscribe

Popular

More like this
Related