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तकदीर की शह से बच निकलने की गुत्थी सुलझाते मोदी सरकार के सात बरस

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तकदीर की शह से बच निकलने की गुत्थी सुलझाते मोदी सरकार के सात बरस

रंजीता सिन्हा
मोदी सरकार-एक और मोदी सरकार-दो मिलाकर सात बरस पूरे हो चुके हैं। इन सात सालों मेंं मोदी सरकार ने एक के बाद एक साल ऐसे बोल्र्ड फैसले लिए जो आधुनिक भारत के इतिहास में अवश्य दर्ज होंगे। रही बात नरेन्द्र मोदी के व्यक्तिगत छवि की तो यह शख्सियत भी इतिहास-पुरुष बन चुकी है। … अब आने वाले अत्याधुनिक भारत के अत्याधुनिक नागरिक इस इतिहास पुरुष को किस रूप में याद रखेंगे इस पर मंथन किया जा सकता है। सच पूछिये तो मोदी जैसी हस्ती के बारे में ही यह कहा जाता रहा है कि ऐसे लोग अपनी तकदीर खुद लिखते हैं। पर तकदीर तो तकदीर है, हमारी-आपकी प्लानिंग और सोच से एक कदम आगे चलती है। कोरोना से पैदा हुए देश के हालात तो यही साबित करते हैं। आने वाले अच्छे दिन और आत्मनिर्भर होने वाला भारत, तकदीर की ही शह से फिलवक्त मात खाता नजर आ रहा है।

अगर मोदी सरकार की इच्छा शक्तियों से इन सात सालों में हुए उन सात फैसलों का जिक्र किया जाय तो कश्मीर में अनुच्छेद 370 का खात्मा, तीन तालाक, अयोध्या मसला, नोटबंदी, जीएसटी, सवर्ण आरक्षण और नागरिकता संशोधन कानून जैसे परिवर्तन आधुनिक भारत के इतिहास में अवश्य दर्ज हो गये हैं। अयोध्या मसला भले कोर्ट के फैसले से हल हुआ हो, लेकिन इसमें मोदी सरकार की जबरदस्त, त्वरित पैरोकारी किसी से छिपी नहीं। वाकई पीएम मोदी अपने फैसलों, अपने तौर-तरीकों, अपनी बातों से पूरी दुनिया में चर्चा में आ गये। कई देशों में कहीं सत्ता पक्ष तो कहीं विपक्ष अंदाज-ए-मोदी के उदाहरण देने लगा है। पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान भी इनमें से एक रहा।

पाकिस्तान की बात चली है तो यहां के आतंकी ठिकानों पर सर्जिकल स्ट्राइक कर पड़ोसी को भयभीत और दुनिया को चकित कर देने श्रेय मोदी सरकार को ही जाता है। संदेश निकला कि, अब भारत कड़े फैसले लेने में हिचकता नहीं। सर्जिकल और एयर स्ट्राइक के जरिए यह बता दिया कि भारत बातचीत तक ही सीमित नहीं रहता, हमला भी बोल देता है। पहले उरी आंतकी हमले के बाद 28 सितंबर 2016 को जब सभी गहरी नींद में सो रहे थे, भारतीय सेना की स्पेशल फोर्स पाकिस्तान के नापाक मंसूबों का मुंहतोड़ जवाब दे रही थी। भारतीय कमांडोज पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में आतंकियों के लॉन्च पैड्स पर हमला कर उन्हें तबाह कर दिया था। इसके बाद पुलवामा में आतंकी हमला हुआ तो भारतीय वायुसेना ने 26 फरवरी को बालाकोट एयर स्ट्राइक से पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया। भारतीय जवानों ने पाकिस्तान की सीमा में घुसकर आतंकियों के ठिकानों को तबाह कर दिये थे।

भारत में नया गुड्स एंड सर्विस टैक्स-जीएसटी और सवर्ण आरक्षण का मामला लंबे समय से अटका हुआ था। मोदी सरकार ने सत्ता में आने के तीन साल बाद संसद से जीएसटी को पास कराया और यह देश में एक जुलाई 2017 से लागू हो गया। देश में कर सुधार की दिशा में यह सबसे बड़ा कदम था। जीएसटी लागू करने का मकसद वन नेशन-वन टैक्स प्रणाली है। जीएसटी लागू होने के बाद उत्पाद की कीमत हर राज्य में एक ही हो गई है और राज्यों को उनके हिस्सा का टैक्स केंद्र सरकार देती है।

सवर्ण आरक्षण की मांग भी देश का एक बड़ा वर्ग लंबे समय से कर रहा था। पर, किसी भी सरकार ने दिलचस्पी नहीं दिखायी थी। मोदी सरकार-वन ने अपने पहले कार्यकाल के आखिरी समय 2019 के जनवरी में सवर्ण समुदाय को आर्थिक आधार पर 10 फीसदी आरक्षण देने का फैसला किया। इस सवर्ण आरक्षण विधेयक को दोनों सदनों से पास कराकर कानून को अमलीजामा पहना दिया। इसके जरिए सवर्ण समुदाय के लोग सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश के लिए आर्थिक आधार पर आरक्षण का लाभ उठा रहे हैं।

मोदी सरकार-टू सबसे ऐतिहासिक फैसला जम्मू-कश्मीर को लेकर लिया जो जनसंघ के जमाने से उसकी प्राथमिकता रहा है। जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी बनाने का कदम उठाने के साथ-साथ राज्य को दो हिस्सों में बांटने का काम भी इसी कार्यकाल में हुआ। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद-370 को निष्प्रभावी करने का प्रस्ताव मंजूर किया और जम्मू-कश्मीर और लद्दाख को दो केंद्र शासित प्रदेश में बांट दिया गया। मोदी सरकार के इस फैसले के बाद कश्मीर में एक देश, एक विधान और एक निशान लागू हो गया है।

अल्पसंख्यक समुदाय से जुड़े कई अहम फैसले लिए। मोदी सरकार-वन ने मुसलमानों को हज यात्रा के लिए दी जाने वाली सब्सिडी खत्म करने का फैसला 2018 में किया। आंकलन किया गया कि, सब्सिडी हटाने के निर्णय से केंद्र सरकार को 700 करोड़ रुपये की बचत हर साल होगी। ऐसे ही सरकार ने 45 साल से ज्यादा उम्र की महिलाओं को बिना पुरुष अभिभावक के हज करने की इजाजत दी थी। मोदी सरकार-टू ने आते ही सबसे पहले मुस्लिम महिलाओं को तीन तलाक से निजात दिलाने का कदम उठाया। मोदी सरकार ने तीन तलाक पर पाबंदी के लिए मुस्लिम महिला विवाह अधिकार संरक्षण विधेयक-2019 को लोकसभा और राज्यसभा से पारित कराया। एक अगस्त 2019 से तीन तलाक देना कानूनी तौर पर अपराध बन गया है।

मोदी सरकार ने नागरिकता संशोधन कानून को 10 जनवरी 2020 को अमलीजामा पहनाया। इस कानून से पाकिस्तान, अफगानिस्तान और अन्य देशों में रह रहे हिंदू, सिख, बौद्ध, पारसी और यहूदी को भारतीय नागरिकता मिल सकती है। इस कानून में किए गए बदलाव को लेकर देश भर में विरोध प्रदर्शन हुए, जिसमें कई लोगों की जानें भी गईं। मुस्लिम महिलाओं ने इस कानून के खिलाफ सड़क पर उतरकर आंदोलन किया। बावजूद इसके सरकार ने अपने कदम नहीं खींचे। असल में मोदी सरकार-टू के खिलाफ यह आंदोलन कोरोना-वन की भेंट चढ़ गया।

इन सात सालों के दौरान सबसे साहसिक आर्थिक कदम रहा। दस सरकारी बैंकों का बड़े बैंकों में विलय कर इनमें कार्यरत वर्कफोर्स का सही इस्तेमाल हुआ और खर्चों में भी कटौती हुई, लेकिन सरकार के इन तमाम कामों के असर पर वैश्विक आर्थिक संकट के कारण भारतीय अर्थव्यवस्था में आई परेशानी भारी पड़ी। मोदी सरकार के आम बजट से ऐसा कोई संकेत नहीं मिला कि अर्थव्यवस्था में कोई क्रांतिकारी सुधार होने जा रहा है। मध्य वर्ग में सरकार की नीतियों को लेकर निराशा रही। मोदी सरकार के लिए आर्थिक चुनौतियां लगातार बड़ी हो रही है। कोरोना वायरस की पहली लहर में महामारी फैलाव को रोकने के लिए लागू लॉडाउन से अर्थव्यवस्था की हालत और बिगड़ी। ऐसे में सरकार ने आत्म निर्भर दिशा में कदम बढ़ाया।

जनहित योजनाओं के मद्देनजर मोदी सरकार-वन और टू की ताबड़तोड़ योजनाओं की बात की जाय तो इस क्रम में सरकार ने 28 अगस्त 2014 को देश की जनता को बैंकिंग से जोडऩे के लिए जनधन योजना की घोषणा की थी। इस योजना के तहत 31.31 करोड़ लोगों के खाते खोले गए। दूसरा, देश के गरीब भी गैस चूल्हे पर खाना बना सकें, इस मकसद से मोदी सरकार ने उज्ज्वला योजना का आगाज किया था। इस योजना के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले गरीब परिवारों को मुफ्त में रसोई गैस दी गयी।

हर घर को छत उपलब्ध कराने के दिशा में भी मोदी सरकार ने 2018 में प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत एक करोड़ घरों के निर्माण लक्ष्य रखा, जिसे 2022 में पूरा किया जाना है। मोदी सरकार की इस योजना के तहत ग्रामीण और शहरी दोनों इलाके में पक्के मकान के लिए सरकार के द्वारा आर्थिक मदद दी जा रही है। ऐसे ही मोदी सरकार ने हर घर को बिजली पहुंचाने के लिए 2017 में सौभाग्य योजना की शुरुआत की थी। इस योजना के तहत हर घर तक बिजली पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया। देश के हर शख्स को बेहतर इलाज के लिए मोदी सरकार ने आयुष्मान भारत योजना की शुरुआत की है, जिसके तहत पांच लाख रुपये का इलाज मुफ्त में हो सकता है।

सच पूछिये तो नरेंद्र मोदी सरकार के आने बाद दुनिया के तमाम देशों के साथ भारत के संबंध प्रगाढ़ हुए हैं। देश का सिर ऊंचा उठा और अंतरराष्ट्रीय पहचान मिली है। मोदी सरकार-वन में पीएम मोदी ने 50 से ज्यादा देशों का दौरा किया और दूसरे कार्यकाल में भी पीएम मोदी ने करीब 11 देशों का दौरा किया है। अमेरिका के साथ भारत ने अपने रिश्ते मजबूत किए हैं। सऊदी अरब से लेकर यूएई सहित तमाम इस्लामिक देशों ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को देश का सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित भी किया है। दुनिया के इस्लामिक देशों के साथ भारत के संबंध पहले से ज्यादा मजबूत हुए हैं।

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फिलहाल भले कोरोना की हाहाकार के बीच अच्छे दिन आएंगे, आत्मनिर्भर भारत, जैसे नारे कहीं मास्क लगाये जिंदा रहने की फिराक में हों, पर मोदी-मैजिक से उनके विरोधी भी वाकिफ हैं- किसी घड़ी कौन सा जादू होगा कि लोगों को मिला अपनों को खोने का घाव भी भर जाएगा। इसीलिए तो समर्थक कहते हैं, मोदी है तो मुमकिन है।

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