अमित बिश्नोई
भारत की राजनीती में चुनावी रणनीतिकार के रूप में एक अलग पहचान बनाने वाले प्रशांत किशोर जिन्हें लोग PK पुकारते हैं आजकल कांग्रेस से संबंधों को लेकर काफी चर्चित हैं। भारतीय राजनीति की पुरोधा पार्टी कांग्रेस जो धीरे धीरे रसातल में समाती जा रही है, उसे नया जीवन देने के लिए प्रशांत किशोर ने जब से गुजरात चुनाव के लिए कांग्रेस पार्टी को अपने सेवाएं देने की पेशकश की है तब से कांग्रेस और PK के बीच नए सम्बन्ध बनने की बातों को और भी बल मिला है।
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इसी सिलसिले में आज दिल्ली में 10 जनपथ पर कांग्रेस पार्टी की एक हाई लेवल आपातकाल बैठक का आयोजन हुआ जिसमें कुछ ख़ास नेताओं के साथ प्रशांत किशोर (Prashant Kishor) भी शामिल हुए. बैठक चार घंटे लम्बी चली और बताया जा रहा है कि प्रशांत किशोर ने इस बैठक में 2024 में होने वाले लोकसभा चुनावों के लिए प्रेजेंटेशन दिया जिसमें उन्होंने विस्तृत रूप से बताया कि अगर कांग्रेस पार्टी को मोदी को हराना है तो क्या क्या करना होगा, कितनी सीटों पर लड़ना होगा, किन किन सीटों पर लड़ना होगा, किन राज्यों पर फोकस करना होगा, सहयोगी पार्टियों को किस तरह से साथ जोड़ना होगा और गठबंधन में उन्हें कितनी सीटों पर एडजस्ट करना होगा।
पता यह भी चला है कि इस बैठक के बाद एक और बैठक भी हुई जिसमें प्रशांत किशोर की कांग्रेस में भूमिका पर चर्चा हुई और गहन चर्चा के बाद PK को कांग्रेस पार्टी ज्वाइन करने का प्रस्ताव देकर गेंद चुनावी रणनीतिकार के पाले में डाल दी गयी. दरअसल पिछले अनुभवों को देखते हुए कांग्रेस पार्टी चाहती है कि PK अपनी सेवाएं एक सलाहकार के रूप में नहीं बल्कि एक डेडिकेटेड कार्यकर्ता और नेता बनकर दें. प्रशांत किशोर को कांग्रेस में लाने की कोशिशें पहले भी हो चुकी हैं मगर बात बन नहीं पायी. PK की शर्तें आलाकमान से ज़्यादा उनके सलाहकारों को पसंद नहीं थीं. मगर अब हालात थोड़े बदले हैं, विधानसभा चुनावों में कांग्रेस पार्टी चारों खाने चित हो चुकी है, दूसरे प्रस्ताव PK की तरफ से आया है।
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हालाँकि PK ने गुजरात के लिए काम का प्रस्ताव दिया था लेकिन आज हुई बैठक में 2024 के लिए प्रेजेंटेशन देने की बात से पता चलता है कि बात गुजरात से आगे बढ़ चुकी है, ज़ाहिर सी बात है गुजरात पर भी बात फाइनल हो चुकी होगी, हालाँकि इसकी जानकारी अभी सामने नहीं आयी है. कांग्रेस ने PK की भूमिका के लिए फैसला अब उन्ही पर छोड़ दिया है, अब PK को तय करना है कि वह कांग्रेसी बनकर कांग्रेस की नैया पार लगाएंगे या सिर्फ सलाहकार बनकर ही सहारा देंगे।