तौक़ीर सिद्दीक़ी
भारत जोड़ो यात्रा (BJY) और राहुल गाँधी की टी शर्ट पर्याय बन गए. जिस तरह BJY की इतनी कामयाबी पर लोगों को हैरान हो रही है उतनी ही हैरानी इस कड़कड़ाती ठण्ड में सिर्फ एक टी शर्ट में राहुल गाँधी के द्वारा सुबह से लेकर रात तक यात्रा करने पर भी हैरानी हो रही है, आज जब सुबह राहुल को सफ़ेद टी शर्ट के ऊपर एक विंडचीटर पहने देखा गया तो खबर बन गयी कि राहुल ने जैकेट पहनी है. हालाँकि बाद में वेस्ट बंगाल महिला कांग्रेस ने एक ट्वीट कर यह सफाई दी कि वो जैकेट नहीं रेन कोट है जो बारिश के बाद उतार दिया गया था.
खैर यह तो सभी को मालूम है कि वो एक रेन कोट या विंडचीटर जैकेट है जिसे बारिश और ठण्ड हवाओं से बचने के लिए पहना जाता है. दरअसल आज सुबह जब राहुल गाँधी की कठुआ से यात्रा शुरू हुई तो हलकी बूंदा बांदी हो रही थी, शायद उससे बचने के लिए राहुल गाँधी ने काले रंग का ये रेन कोट पहन लिया। हालाँकि राहुल गाँधी जब साऊथ में गुज़र रहे थे तो यात्रा के दौरान उन्हें भीगते हुए भाषण करते हुए भी लोगों ने देखा, वो तस्वीरें भी काफी वायरल हुई थी और लोग प्रभावित भी हुए थे लेकिन साउथ और कश्मीर की बारिश में फर्क यह है कि वहां बारिश से राहत मिलती है जबकि कश्मीर में बारिश बहुत बड़ी आफ़त होती है, भीगने से बीमार पड़ने की सौ फ़ीसदी सम्भावना। हालाँकि बारिश रुकने के बाद राहुल ने उस काली जैकेट को उतार दिया जिसे लोग कई तरह का नाम दे रहे हैं.
दरअसल बात दिलचस्प यह कि राहुल गाँधी का हर एक्शन अब मेनस्ट्रीम मीडिया की अनदेखी के बावजूद सुर्खियां बन जाता है. कभी उनके जूते तो कभी टी शर्ट, कभी उनका बारिश में भीगना तो कभी बारिश से बचना और इन सुर्ख़ियों में बड़ा बदलाव यह है कि इन सुर्ख़ियों में राहुल और कांग्रेस के लिए सकारात्मक होती हैं जबकि पहला ऐसा नहीं था. आज राहुल दाढ़ी बढ़ाते हैं या ठण्ड में सिर्फ टी शर्ट पहनते है तो लोग तपस्वी की संज्ञा देते हैं, लेकिन पहले ऐसा हरगिज़ नहीं था. भारत जोड़ो यात्रा से पहले अगर राहुल टी शर्ट में घूम रहे होते या महीनों दाढ़ी न बनाते तो यकीनन पप्पू के आगे लोग विशेषकर भाजपा के भक्त सनकी शब्द लगाकर राहुल को सनकी पप्पू घोषित कर चुके होते। तो यह भारत जोड़ो यात्रा का ही असर है कि 150 दिन होने को आ रहे हैं और किसी ने पप्पू शब्द का इस्तेमाल नहीं किया। इस बदलाव को क्या कहा जा सकता है, बल्कि कांग्रेस पार्टी खुद याद दिलाती है कि भाजपा ने राहुल की पप्पू इमेज को गढ़ने में बहुत पैसा खर्च किया। राहुल ने भी यह बात यात्रा के दौरान कई बार प्रेस कांफ्रेंस में कही. मगर भाजपा की तरफ से इसका कोई जवाव नहीं आया.
कभी इन सब बातों के लिए सिर्फ मोदी जी की ही चर्चा होती थी, मोदी जी ने यह पहना, मोदी जी ने यह खाया, मोदी जी ने यह बजाया, मोदी जी ने बच्चे को उठाया, मोदी जी ने सफाई कर्मियों के पैर धुलाये, मोदी जी ने गुफा में ध्यान लगाया, मोदी जी ने इतना मंहगा चश्मा पहना, मोदी जी इतने मंहगे कलम से लिखा। मोदी जी यह मोदी जी वो, पता नहीं क्या क्या। लेकिन अब राहुल गाँधी के बारे में भी बहुत सी चर्चाएं उनकी पुरानी इमेज से हटकर होने लगी हैं, विरोधी भी राहुल में एक नया अवतार देखने लगे हैं. हालाँकि इस यात्रा को भटकाने की भी भाजपा द्वारा काफी कोशिश की गयी मगर राहुल अर्जुन की तरह सिर्फ मछली आँख पर ही निशाना साधे रहे और यही वजह वो यात्रा को लक्ष्य तक पहुंचाने के बिलकुल करीब पहुँच चुके हैं, राहुल भी अब खबर बनने लगे हैं और वो भी अच्छे और बड़े कैनवास में. राहुल को लेकर लोगों के सोचने का तरीका भी बदलता हुआ नज़र आ रहा है. लोगों को लगने लगा है कि देश में विपक्ष अभी ज़िंदा है, कोई है जो इतनी मज़बूत सरकार के सामने चट्टान की तरह खड़ा हो सकता है, कोई है जो नफरत के बाज़ार में मोहब्बत की दूकान खोल सकता है.