SEBI: वैकल्पिक निवेश फंडों (AIF) ने बकाया यूनिट को demat से नहीं जोड़ा है। हालांकि इसके लिए निर्धारित समय-सीमा 31 अक्टूबर को समाप्त हो गई है। उद्योग के कारोबारियों का कहना है कि वे डिपोजिटरी–सेंट्रल डिपोटिरीज सर्विसेज (सीडीएसएल) लिमिटेड और नैशनल सिक्योरिटीज डिपोजिटरी (एनएसडीएल) के साथ पारंपरिक रुप से जुड़ने के बजाय इलेक्ट्रॉनिक तौर पर जुड़ने की दिशा में काम कर रहे हैं।
एआईएफ का कहना है कि उन्हें कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। वे बाजार नियामक सेबी से कुछ राहत मिलने की उम्मीद कर रहे हैं।
इंटरनैशनल सिक्योरिटीज आईडेंटिफिकेशन नंबर ISIN नहीं मिला
कुछ फंडों की शिकायत है कि उन्हें आवेदन के बावजूद विशिष्ट पहचान कोड ‘इंटरनैशनल सिक्योरिटीज आईडेंटिफिकेशन नंबर’ (आईएसआईएन) नहीं मिला है। सूत्रों का मानना है कि सेबी ने सभी AIF को समय-सीमा समाप्त होने से पहले ISIN हासिल करने के निर्देश दिए हैं भले ही demat के लिए पूरी प्रक्रिया नहीं अपनाई गई हो। हालांकि कई एआईएफ ने इसे अभी तक नहीं किया है।
एक एआईएफ के अधिकारी ने कहा, ‘हमने आईएसआईएन के लिए अपने दस्तावेज सौंप दिए हैं, लेकिन अभी तक यह नंबर नहीं मिला है। हमें डिफॉल्टर के तौर पर नियामक से अभी तक कोई नोटिस नहीं मिला है, इसलिए उम्मीद है कि कुछ राहत मिल सकती है। हमारी आशंका यही है कि हमें कोई मोहलत दी जाएगी या नहीं।’
उद्योग के एक अन्य अधिकारी ने कहा, ‘हमने नियामक के साथ अपनी समस्याएं साझा की थीं और अपनी चुनौतियों से भी अवगत कराया था। हमने demat पर स्थानांतरण के संबंध में डिपोजिटरियों के साथ लंबी बातचीत भी की और बाद में एक डिपोजिटरी ने दिशा-निर्देश जारी किए थे। हमें उम्मीद है कि समस्या का समाधान निकलेगा।’
NSDL से दिशा-निर्देश अक्टूबर के पहले पखवाड़े में आए
कई एआईएफ ने कहा है कि demat में स्थानांतरण के लिए NSDL से दिशा-निर्देश अक्टूबर के पहले पखवाड़े में आए थे, जबकि सीडीएसएल ने अभी दिशा-निर्देश जारी नहीं किए हैं। सेबी ने 500 करोड़ रुपये से ज्यादा कोष वाले एआईएफ के लिए अपनी बकाया यूनिट 31 अक्टूबर तक demat में स्थानांतरित करना अनिवार्य किया है।