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Nipah Virus: निपाह से कोझिकोड में सभी शैक्षणिक संस्थान बंद, संक्रमण से स्थिति बेकाबू

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Kerala Nipah virus update: केरल में निपाह वायरस तेजी से लोगों को संक्रमित कर रहा है। संक्रमितों के संपर्क में आए 1080 लोगों की अब तक पहचान हो चुकी है। स्थिति खराब होती देख कोझिकोड में स्कूल-कॉलेज 24 तक बंद कर दिए गए है। स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आए 1,080 लोगों की पहचान हुई है। एक दिन 130 लोगों को ट्रैक किया गया है। संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों में 327 स्वास्थ्य कर्मी भी हैं। इससे स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ गई है।

केरल सरकार ने निपाह वायरस संक्रमण को देखते हुए कोझिकोड में सभी शैक्षणिक संस्थान 24 सितंबर तक बंद रहने की घोषणा की है। इसमें कालेज, स्कूल और ट्यूशन सेंटर शामिल हैं। जिला प्रशासन का कहना है कि पूरे सप्ताह ऑनलाइन कक्षाएं की जाएंगी। स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा है कि संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आए 1,080 लोगों की पहचान हुई है।

वीना जॉर्ज ने कहा कि कोझिकोड के अलावा दूसरे जिलों में 29 लोग निपाह संक्रमित व्यक्तियों के संपर्क में आए। इनमें 22 मलप्पुरम से, एक वायनाड से और तीन-तीन कन्नूर और त्रिशूर से हैं। उन्होंने कहा उच्च जोखिम वाली श्रेणी में 175 आम लोग और 122 स्वास्थ्यकर्मी शामिल हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि संक्रमितों के संपर्क में आए लोगों की संख्या बढ़ने की संभावना बन रही है। 30 अगस्त को मरने वाले व्यक्ति की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है।

सबरीमाला तीर्थयात्रा के लिए दिशानिर्देश जारी

केरल हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से कहा कि निपाह के प्रकोप को देखते हुए जरूरी हो तो मासिक पूजा के लिए खुलने पर सबरीमाला तीर्थयात्रा के लिए दिशानिर्देश लागू किए जाएंगे। कोर्ट ने त्रावणकोर देवासम बोर्ड कमिश्नर को स्वास्थ्य सचिव से बातचीत कर मामले पर फैसला लेने को कहा।

बता दें, पथानामथिट्टा जिले में पहाड़ी चोटी पर स्थित सबरीमाला मंदिर हर मलयालम महीने में पांच दिनों के लिए ही खुलता है। इस इस माह यह रविवार को तीर्थयात्रियों के लिए खुलेगा। राज्य सरकार ने अदालत को बताया कि उत्तरी कोझिकोड जिले में प्रतिबंध लगाए हैं।

निपाह के अब तक छह मामले

केरल में निपाह के मामले बढ़कर छह तक पहुंचे हैं। जिनमें से अब तक दो की मौत हुई है। दूसरी ओर नई दिल्ली स्थित भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने ऑस्ट्रेलिया से निपाह वायरस के लिए मोनोक्लोनल एंटीबॉडी मंगाई हैं। पांच वर्ष पहले 2018 में जब निपाह के मामले मिले, तब ऑस्ट्रेलिया से मोनोक्लोनल एंटीबॉडी आईं थी। हालांकि संक्रमण का प्रसार नहीं बढ़ने पर इनका उपयोग नहीं हुआ।

निपाह, टीबी, डेंगू का टीका जल्द

आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ. राजीव बहल ने कहा कि आईसीएमआर की टीम नए टीका विकसित करने में जुटी है। अगले दो से तीन महीने में डेंगू के टीके का अस्पतालों में ट्रायल शुरू होगा। टीबी और निपाह को लेकर भी टीका की खोज करने का विचार है। उन्होंने कहा कि लोग कहते हैं कि केरल में निपाह संक्रमण क्यों बार-बार हो रहा है? सही मायने में उनके पास इसका जबाव नहीं है। क्योंकि यह वायरस चमगादड़ों के माध्यम से इंसानों तक पहुंचता है। अक्सर किसी बगीचे में एक संक्रमित चमगादड़ किसी फल को खाता है तो वायरस फल पर लंबे समय तक रहता है। इसके बाद वह इंसानों तक पहुंचता है।

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