लखनऊ में पुलिस कस्टडी में हुई मौत का मामला राजनीतिक रंग ले रहा है. प्रदेश की राजधानी में पिछले 16 दिनों में पुलिस हिरासत में हुई मौत पर मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने प्रदेश सरकार और पुलिस प्रशासन पर ज़ोरदार हमला किया है. अखिलेश ने कहा कि प्रदेश सरकार को नाम बदलने में महारत हासिल है इसलिए उसे पुलिस हिरासत का नाम बदलकर अत्याचार गृह रख देना चाहिए।
बता दें कि बीते शुक्रवार को राजधानी लखनऊ में चिनहट पुलिस ने मोहित नाम के एक युवक को हिरासत में लिया था, बाद में उसे छुड़ाने के लिए थाने गए उसके भाई शोभाराम को भी हिरासत में ले लिया। उससे पहले मोहित की पुलिस द्वारा बुरी पिटाई की जा चुकी थी. शोभाराम के मुताबिक उसको भी पुलिस ने बहुत मारा और उसके सामने भी उसके भाई को बहुत मारा जिससे उसकी तबियत बिगड़ने लगी और बाद में पुलिस पहले उसे CHC ले गयी और वहां से जवाब मिलने पर मोहित को लोहिया अस्पताल ले गयी जहाँ डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया, उससे पहले मामला बिगड़ने पर शोभाराम को भी पुलिस ने फ़ौरन छोड़ दिया था.
इस मामले में दोषी पुलिस अफसरों के खिलाफ FIR दर्ज हो चुकी है लेकिन परिवार वाले मोहित की मौत को हत्या बता रहे हैं और दोषी पुलिसवालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. मोहित की मौत के बाद गुस्साए पीड़ित के परिजनों ने विभूति खंड स्थित मंत्री आवास के सामने सड़क जाम किया था. पुलिस ने मोहित पांडेय की मौत पर परिवार के आरोपों को गलत बता रही है. पुलिस का कहना है कि पुलिस लॉक अप मोहित पांडेय ठीक था. अखिलेश यादव ने कहा कि वो पीड़ित परिवार के साथ हैं और सरकार को पीड़ित परिवार की हर मांग को पूरा करना चाहिए.